कजाकिस्तान: राष्ट्रपति कासिम तोकायेव ने बुर्के पर लगाया बैन, देश के साथ -साथ दुनियाभर में चर्चा

राष्ट्रपति कासिम तोकायेव  ने बुर्के पर लगाया बैन, देश के साथ -साथ दुनियाभर में चर्चा
  • तोकायेव का सोशल मीडिया पर भरोसा नहीं
  • 70 फीसदी मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान
  • पांच भाषाओं के जानकार व टेबल टेनिस खेलने के शौकीन तोकायेव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम तोकायेव ने मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान में बुर्के पर बैन लगा दिया है। राजनीति में आधुनिकीकरण और समानता के समर्थक तोकायेव हाल ही में कजाकिस्तान में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को लेकर चर्चा में हैं। तोकायेव ने मुस्लिम महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के पहनने पर रोक लगाई है।

तोकायेव के इस क्रांतिकारी कदम के लिए उन्हें कट्टरपंथी मुस्लिमों की आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं, वो देश में पर्दा प्रथा को खत्म कर महिलाओं को सम्मान से जीने देने की उनकी इस पहल की दुनियाभर में वाहवाही भी हो रही है। उन्होंने दो साल पहले 2023 में भी ऐसे ही बैन स्कूल में लगाए थे। तोकायेव सोशल मीडिया को भरोसेमंद नहीं मानते। इसलिए नीतिगत या महत्वपूर्ण सूचनाओं को प्रिंट और टेलीविजन मीडिया के जरिये ही जनता के बीच पहुंचाना उचित समझते हैं।

आपको बता दें द्वितीय विश्व युद्ध के योद्धा और मशहूर कजाक लेखक केमेल तोकायेव और विदेशी भाषाओं की जानकार तुरार शबरबायेवा की बड़ी संतान के रूप में 17 मई, 1953 को तोकायेव का जन्म अविभाजित सोवियत संघ में जासूसी उपन्यासों के लेखक के घर में हुआ। वो पांच भाषाओं के जानकार व टेबल टेनिस खेलने के शौकीन हैं। वो कजाक, रूसी, फ्रेंच, अंग्रेजी और मंदारिन भाषा बोलते हैं। कजाकिस्तान में पहले उप विदेश मंत्री, फिर प्रधानमंत्री और अब राष्ट्रपति है। तोकायेव संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में महानिदेशक जैसे अहम पद भी रह चुके हैं।

उनके चाचा कासिम तोकायेव रेड आर्मी में सैनिक थे, जो रेजेव के युद्ध में शहीद हो गए थे। पिता ने चाचा के नाम पर ही उनका नाम कासिम रखा, जबकि मां ने जोमार्ट। अरबी में कासिम का अर्थ है परिवार का अन्नदाता और जोमार्ट का उदार या परोपकारी।

Created On :   5 July 2025 12:24 PM IST

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