Russia News: तालिबान शासन को मिलेगी रूसी मान्यता? रूस ने खेला अपना 'मास्टरस्ट्रोक', जानें किन देशों को हो सकती है परेशानी?

- पुतिन का ये कदम माना जा रहा है मास्टरस्ट्रोक
- पाकिस्तान को हो सकती है परेशानी
- भारत के लिए हो सकती है बड़ी चुनौती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के दोस्त देश रूस ने एक बड़ा फैसला लिया है। अफगानिस्तान की तालिबान की सरकार ने गुरुवार को कहा है कि, आधिकारिक तौर पर उसके शासन को मान्यता देने वाला रूस एक पहला देश है। चीन और पाकिस्तान के साथ कई अन्य देशों की राजधानियों में तालिबान के राजदूत मौजूद हैं। लेकिन उन्होंने अमीरात को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। ये घोषणा अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी और अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव के दौरान हुई काबुल बैठक के बाद की गई है।
पुतिन का है मासटर स्ट्रोक?
जानकारी के मुताबिक, पुतिन का ये फैसला मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। क्योंकि इस कदम से अमेरिका के क्षेत्रीय प्रभावों को मुश्किल हो सकती है और पाकिस्तान को भी इससे कई रणनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
पाकिस्तान के लिए कैसे बनेगा मुसीबत?
बात करें पाकिस्तान की तो, रूस का ये फैसला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे लंबे समय से तालिबान का खुला समर्थन करता रहा है। लेकिन अब तक उसने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। इसलिए ही पाकिस्तान का क्षेत्रीय प्रभाव ढीला हो सकता है। क्योंकि अब अफगान सरकार रूस की मदद से ही दुनिया के अन्य देशों से डायरेक्ट रिलेशन बना सकता है।
भारत को कैसे मिलेगा फायदा?
रूस और भारत की दोस्ती की वजह से पाकिस्तान को परेशानी हो सकती है। तहरीक-ए-तालिबान को लेकर अफगान सरकार के साथ पाकिस्तान अक्सर विवादों में रहा है। क्योंकि पाकिस्तान का मानना है कि उनके देश में कई हमलों का जिम्मेदार टीटीटी ही रहा है। वहीं, भारत के साथ तालिबान के संबंध ठीक हो रहे हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने तालिबान के नेताओं से मुलाकात भी की थी और रूस की मान्यता से तालिबान को वैश्विक मंच पर वैधता मिल सकती है और अफगानिस्तान के बुनियादी ढांचों की पकड़ मजबूत होगी।
Created On :   4 July 2025 12:56 PM IST