चाइना फैक्टर से बिगड़े अमेरिका-पाक के रिश्ते

US-Pak relations deteriorated due to China factor
चाइना फैक्टर से बिगड़े अमेरिका-पाक के रिश्ते
गंभीर चाइना फैक्टर से बिगड़े अमेरिका-पाक के रिश्ते
हाईलाइट
  • पूर्व राजनयिक ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में चुनौती को नाजुक और लेन-देन करने वाला बताया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के दो पूर्व राजनयिक सज्जाद अशरफ और तौकीर हुसैन ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में चुनौती को नाजुक और लेन-देन करने वाला बताया।

ईस्ट एशिया फोरम के लिए लिखते हुए अशरफ कहते हैं : अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी की प्रकृति और भ्रम ने इस रिश्ते के नाजुक होने को और उजागर कर दिया है। तालिबान की जीत अमेरिका के साथ पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों का गंभीरता से परीक्षण कर रही है।

तौकीर हुसैन लिखते हैं, 1950 के दशक में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के हितों को केवल आंशिक रूप से पूरा किया गया था, जब प्रत्येक पक्ष ने अपने स्वयं के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दूसरे का इस्तेमाल किया, जो दूसरे के हितों पर नकारात्मक प्रभाव डालता था।

अब, अशरफ कहते हैं, बिडेन प्रशासन ने फिर से पाकिस्तान से ध्यान हटा लिया है। वाशिंगटन ने पिछली गर्मियों में अफगानिस्तान से हटने के बाद से इस्लामाबाद के साथ बातचीत की शर्तो पर मुश्किल से रहना चुना है।

संयुक्त राज्य अमेरिका तालिबान सहित गैर-राज्य अभिनेताओं का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की सेना को दोष देना जारी रखता है। फिर भी पाकिस्तान का दौरा करने वाला प्रत्येक अमेरिकी गणमान्य व्यक्ति सेना के प्रमुख से शिष्टाचार भेंट करने के लिए एक लाइन बनाता है और केवल औपचारिकता के रूप में नागरिक नेतृत्व से मिलता है।

उनका कहना है कि अमेरिका ने अक्सर पाकिस्तान में सेना की दबंग उपस्थिति के संदर्भ में पाकिस्तान के नागरिक नेतृत्व की भूमिका को कम करके आंका है।

इसे ध्यान में रखते हुए अशरफ लिखते हैं : अमेरिकी नीति निर्माताओं की एक बड़ी संख्या पाकिस्तान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के संबंधों पर फिर से विचार कर रही है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले दोनों ने कांग्रेस को आश्वासन दिया कि प्रशासन देख रहा है, पिछले वर्षो के दौरान पाकिस्तान ने जो भूमिका निभाई है और भविष्य में संयुक्त राज्य अमेरिका क्या भूमिका निभाना चाहेगा।

22 रिपब्लिकन सांसदों ने कांग्रेस में एक विधेयक का प्रस्ताव रखा है, जिसमें 2001 और 2020 के बीच तालिबान के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा समर्थन का आकलन शामिल है।

(आईएएनएस)

Created On :   9 March 2022 10:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story