आतंक पर अमेरिका की सख्ती, पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकी

US pause military aid to Pakistan
आतंक पर अमेरिका की सख्ती, पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकी
आतंक पर अमेरिका की सख्ती, पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकी

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान पर कार्रवाई का दबाव और बढ़ाते हुए उसे मिलने वाली 255 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता शुक्रवार को रोक दी। अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने कहा, ‘अमेरिका उस पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना चाहता है, जो एक जिम्मेदार देश की तरह आतंक का खात्मा करे।’

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस को यह साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता को रोक रहा है। यह सहायता तब तक रुकी रहेगी, जब तक पाकिस्तान उन आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता, जो अफगानिस्तान के लिए खतरा बने हुए हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों नई अफगान नीति में पाकिस्तान की ओर साफ इशारा किया था कि वह तालिबान को अपने यहां समर्थन दे रहा है। इसके बाद पाकिस्तान में इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और अमेरिका का विरोध कर रही भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे।

हक्कानी नेटवर्क और तालिबान पर ठोस कार्रवाई हो

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकी समूह का सफाया करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाएगा, तब तक उसे सैन्य सहायता नहीं दी जाएगी। हक्कानी नेटवर्क का अफगान तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध है, जो कि अफगानिस्तान के काबुल और अन्य इलाकों में हुए हाल के हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है।

दबाव बढ़ाने के सिवा और कोई रास्ता नहीं 

हालांकि, ट्रंप प्रशासन के इस कदम को अमेरिकी रणनीतिकार उलझन भरी स्थिति मान रहे हैं। वॉशिंगटन में नियर ईस्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट के जानकार जिम जेफरिस का कहना है कि अमेरिका अभी भी यह तय नहीं कर पाया है कि उसे पाकिस्तान को गैर नाटो देशों के साझेदार देश के रूप में किस तरह से देखना चाहिए। यही नहीं, अमेरिकी रणनीतिकार भी अभी यह तय नहीं कर सके हैं कि उसे अफगानिस्तान में कितने सैनिकों को तैनात रखना चाहिए। जेफरिस का कहना है कि अमेरिकी कदम का विरोश करने के सिवा पाकिस्तान के पास और कोई विकल्प भी नहीं है। लेकिन उसे यह सोचना होगा कि मौजूदा हालात में ट्रंप प्रशासन भी पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ाने के सिवा कुछ और कर नहीं सकता। 

Created On :   1 Sept 2017 10:41 PM IST

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