वनुआटू ने जीवाश्म ईंधन युग खत्म करने के लिए संधि की पेशकश की
- जलवायु परिवर्तन
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। प्रशांत द्वीप राष्ट्र वनुआटू ने अन्य देशों से जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि की स्थापना में शामिल होने का आह्वान किया है, जो एक प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय तंत्र है, जिसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से 86 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्रोत को संबोधित करना है, जो जलवायु परिवर्तन का कारण बनते हैं।
वनुआटू के राष्ट्रपति निकेनिक वुरोबारावु ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ऐतिहासिक आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वनुआटू सभी नए जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं के विस्तार को रोकने और कोयले, तेल और गैस से दूर एक वैश्विक न्यायपूर्ण प्रबंधन करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय तंत्र का आह्वान करने वाला पहला राष्ट्र राज्य बन गया।
राष्ट्रपति सेंट्रल पार्क में 2022 ग्लोबल सिटीजन फेस्टिवल में मंच पर जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए एक संधि शुरू करने पर विचार किया।
वुरोबारावु ने अपने भाषण में कहा, हर दिन हम जलवायु संकट के अधिक दुर्बल परिणामों का सामना कर रहे हैं। मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, और हम जलवायु परिवर्तन को डिग्री सेल्सियस या टन कार्बन में नहीं, बल्कि मानव जीवन में माप रहे हैं। यह इमरजेंसी हमारी बनाई हुई है। हमारे युवा भविष्य की दुनिया से भयभीत हैं जिसे हम जीवाश्म ईंधन निर्भरता का विस्तार करके, अंतर-पीढ़ी के विश्वास और इक्विटी से समझौता करके उन्हें सौंप रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम एक जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि के विकास का आह्वान करते हैं, ताकि कोयले, तेल और गैस के उत्पादन को 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर चरणबद्ध तरीके से कम किया जा सके और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता के साथ प्रत्येक कार्यकर्ता, समुदाय और राष्ट्र के लिए एक वैश्विक न्यायपूर्ण संक्रमण को सक्षम बनाया जा सके।
जीवाश्म ईंधन संधि के आह्वान का पहले ही लंदन, लीमा, लॉस एंजिल्स, कोलकाता, पेरिस और हवाई राज्य विधानमंडल सहित दुनिया भर के 65 से अधिक शहरों और उप-राष्ट्रीय सरकारों द्वारा समर्थन किया जा चुका है। हाल ही में इस प्रस्ताव को वेटिकन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी समर्थन दिया है।
आईएएनएस
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Created On :   24 Sept 2022 10:00 AM IST