Pakistan PoK Violence: भारत ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले PoK हिंसा पर दी प्रतिक्रिया, सुनाई खरी खोटी

भारत ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले PoK हिंसा पर दी प्रतिक्रिया, सुनाई खरी खोटी
हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के कई क्षेत्रों में प्रदर्शन और बेगुनाह नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की तरफ से की गई क्रूरता की खबरें देखी हैं।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चल रही हिंसा पर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। उसने कहा कि पीओके में जिस प्रकार घटनाएं हो रही है, उनसे हम अच्छी तरह से वाकिफ है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की दमनकारी नीतियों को कारण ही वहां पर इस तरह के हालात पैदा हुए हैं। इतना ही नहीं आसिम मुनीर की सेना भी वहां के लोगों पर अत्याचार कर ही है। इसकों लेकर भी भारत सरकार ने उन्हें घेरा है।

भारत ने PoK हिंसा पर दी ये प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने आज शुक्रवार को साप्ताहिक प्रेस फॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, "हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के कई क्षेत्रों में प्रदर्शन और बेगुनाह नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की तरफ से की गई क्रूरता की खबरें देखी हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हम मानते हैं कि यह पाकिस्तान के दमनकारी नजरिए और उन क्षेत्रों से संसाधनों की सिस्टमैटिक तरीके से लूट का नतीजा है जिसपर उसने जबरन गैरकानूनी कब्जा किया हुआ है।" प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को इस भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों की लिए जवाबदेह ठहराना उचित होगा।

पुलिस की गोली लगने से 12 लोगों की हुई मौत

पाकिस्तानी सरकार और आर्मी चीफ मुनीर की सेना के खिलाफ पीओके में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन किया जा रहा है। यह आवामी एक्शन कमेटी की अगुआई में हो रहा है, जहां पर हजारों लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। इनमें मुजफ्फराबाद, मीरपुर, कोटली, रावलाकोट और नीलम घाटी सहीत कई जिलों शामिल है, जहां पर बड़े पैमाने पर शहबाज सरकार को 38 सूत्रीय मांगों को लेकर घेराव किया जा रहा है। प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोली लगने से 12 लोगों की मौत हो चुकी है।

इन मांगो को लेकर हो रहा प्रदर्शन

बता दें कि जिन मांगो को लेकर आवामी एक्शन कमेटी सड़कों पर उतरी है। उनमें विधानसभा की 12 आरक्षित सीटों को खत्म किया जाए। ये सीटें पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए हैं। इसके अलावा बिजली दरों में कटौती हो, गेहूं और अन्य जरूरी सामानों पर सब्सिडी मिले और स्थानीय राजस्व पर कंट्रोल जैसे कई मुद्दे शामिल है।

Created On :   3 Oct 2025 6:37 PM IST

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