संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: तालिबान ने पाकिस्तान और ईरान से जबरन निकाले गए अफगान नागरिकों को दीं यातनाएं

तालिबान ने पाकिस्तान और  ईरान से जबरन निकाले गए अफगान नागरिकों को दीं यातनाएं
  • अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर आई तालिबान सरकार
  • तालिबान ने यातनाएं दीं, धमकाया और मनमाने ढंग से हिरासत में लिया
  • महिलाओं-लड़कियों की स्थिति भयावह- संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट को लेकर तालिबान सरकार पर निशाना साध रहे है। यूएन की इस नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान और ईरान से जबरन निकाले गए कई अफगान नागरिकों को तालिबान ने यातनाएं दीं, धमकाया और मनमाने ढंग से हिरासत में रखा। आपको बता दें अफगानिस्तान से लाखों लोग दशकों से अलग-अलग वजहों से बाहर रह रहे थे। अब वे पाकिस्तान, ईरान या अमेरिका जैसे देशों में कानूनी सुरक्षा खो रहे हैं और अपने वतन लौट रहे है। लेकिन तालिबान यातनाओं से उनका भविष्य संकट में है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब पाकिस्तान और ईरान लाखों अफगानों को यह कहकर देश से निकाल रहे हैं कि वे अवैध रूप से रह रहे थे।

रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब पाकिस्तान और ईरान लाखों अफगानों को यह कहकर देश से निकाल रहे हैं कि वे अवैध रूप से रह रहे थे। रिपोर्च में बताया गया है कि लौटने वाले अफगानों के साथ तालिबान सख्ती बरत रहा है। तालिबान सरकार एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर आ गई है। संयुक्त राष्ट्र मिशन की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान और ईरान से जबरन निकाले गए कई अफगान नागरिकों को तालिबान ने यातनाएं दीं, धमकाया और मनमाने ढंग से हिरासत में लिया। कुछ लोगों को जान से मारने की धमकियां मिलीं, तो कई को गुमनाम रहकर जिंदगी जी रहा है।

संयुक्त राष्ट्र मिशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि वापस अफगानिस्तान आए कई लोग तालिबान के हाथों गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार हुए। रिपोर्ट में ये भी कहा है कि इनमें वे लोग शामिल हैं जो पहले पश्चिम समर्थित सरकार के लिए काम कर चुके थे या ऐसे पेशे से जुड़े थे जो अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की नजरों में संदेहास्पद हैं।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने अफगान महिलाओं और लड़कियों की स्थिति को चिंताजनक बताया, तालिबान की कठोर पाबंदियों के चलते लड़कियों का स्कूल जाना बंद, काम करने पर रोक और पब्लिक प्लेस पर जाने नहीं दिया जाता। हालांकि तालिबान सरकार ने सफाई देते हुए इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र से अपील करते हुए कहा है कि वह जबरन निष्कासन को रोके और अफगान शरणार्थियों को खाना, दवा, शिक्षा और आश्रय जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराए।

Created On :   24 July 2025 7:13 PM IST

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