अमेरिकी शांति प्रस्ताव: ट्रंप ने दो टूक कहते हुए जेलेंस्की को दी लास्ट चेतावनी,प्रस्ताव की विश्वसनीयता पर खड़े हुए कई सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में तैयार किए गए 28 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पर अब सवाल उठने लगे है, ट्रंप के शांति प्रस्ताव को लेकर यूक्रेन, अमेरिका और पश्चिमी देशों में गहरी हलचल पैदा कर दी है। हालांकि ट्रंप प्रस्ताव को फाइनल ऑफर नहीं मान रहे है, लेकिन वे 27 नवंबर तक की समयसीमा पर अड़े हैं और यूक्रेन से इस दिन तक निर्णय लेने का दबाव बना रहे है। जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार किया है। जेलेंस्की ने प्रस्ताव को ठुकराते हुए यानि सहमति देने की बजाय कहा लड़ना जारी रखना होगा जबकि ट्रंप प्रशासन रूस-यूक्रेन जंग को खत्म कराना चाहता है।
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रविवार को जिनेवा में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी इस ड्राफ्ट को संशोधित करने पर विचार करेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका का प्रस्ताव "एक आधार" हो सकता है, लेकिन रूस सैन्य कार्रवाई जारी रखने के लिए भी तैयार है। स्टेट डिप्टी प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने यूक्रेन प्लान US ने बनाया ,इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि था, इसमें रूस और यूक्रेन का इनपुट था।
आपको बता दें बीते दिन यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक भावुक संदेश में कहा कि यूक्रेन अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर में खड़ा है। जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि राष्ट्र के सामने "इज्जत खोने या एक अहम साझेदार खोने" जैसा मुश्किल चुनाव भी आ सकता है। जेलेंस्की ने अपने चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय यरमाक को वार्ता टीम का चीफ नियुक्त करते हुए कहा कि यूक्रेनी प्रतिनिधि "देश की गरिमा और सुरक्षा की रक्षा" के लिए तैयार हैं।
प्रस्तावित शांति योजना में बताया जा रहा है कि डोनेत्स्क, लुहान्स्क और क्रीमिया से यूक्रेन को पीछे हटने को कह रहा है। इन्हें रूसी नियंत्रण में देने को कहा जा रहा है। साथ ही खेरसॉन और जापोरिज़्झिया के मौजूदा मोर्चों को भी स्थिर रखने का सुझाव दिया है। प्रस्ताव में यूक्रेन को सेना सीमित तय करने की बात है। इस पर यूरोपीय नेताओं का कहना है कि ऐसी तय सैन्य सीमा भविष्य में रूस के लिए नया हमला आसान बना सकती है। G20 में जारी एक संयुक्त बयान में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने कहा कि अमेरिकी ड्राफ्ट में काफी सुधार की जरूरत है। किसी भी समझौते में यूक्रेन की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, जी 20 में कहा जोर देकर कहा सीमाएं बलपूर्वक नहीं बदली जा सकतीं ।
ट्रंप प्रशासन के 28 सूत्रीय शांति योजना प्रस्ताव पर अमेरिकी राजनीति में भी विवाद गहराता जा रहा है। रिपब्लिकन सीनेटर माइक राउंड्स ने दावा किया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सीनेटरों से कहा है कि 28-बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव रूसी-सोर्स्ड दस्तावेज़ है। इस पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से अब तक कोई ऑफिसियल रिएक्शन सामने नहीं आया है। लेकिन ये आरोप प्रस्ताव की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर रहे है।
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Created On :   23 Nov 2025 10:35 AM IST













