India In UN: यूएन में भारत ने फिर से पाकिस्तान को पटका, सिंधु जल संधि निलंबित होने पर दी तीखी प्रतिक्रिया, कहा- 'सहयोग विश्वास पर होता है, आतंकवाद पर..'

- भारत ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को किया निलंबित
- यूएन में पाकिस्तान को फिर से भारत ने लताड़ा
- भारत का कहना है कि सहयोग विश्वास पर टिका है ना कि आतंकवाद पर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत के पहलगाम में आतंकी हमला किया था, जिसका जवाब भारत ने 22 अप्रैल को ऑपरेशन सिंदूर के तहत दिया था। इसके बाद ही भारत ने सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया था। जल संधि निलंबित होने के बाद पाकिस्तान लगातार आपत्ति जता रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के जिनेवा सत्र में भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने इन सब मामलों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने यूएन में कहा है कि, स्थायी सहयोग विश्वास पर टिका होता है, ना कि आतंकवाद पर।
भारत ने पाकिस्तान को दिया सीधा संदेश
अनुपमा सिंह ने ये भी कहा है कि, साल 1960 में हस्ताक्षर सिंधु जल संधि मित्रता और शांति की भावना से हुई थी। आज का समय देखा जाए तो ये पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा था कि, साल 1960 की दुनिया और आज की दुनिया में बहुत ही ज्यादा अंतर है। तब की दुनिया आज की दुनिया नहीं है। पाकिस्तान का जो आतंकवाद है वो लगातार इस संधि की मूल बावना को कमजोर बना रहा है।
मूल भावना का उल्लंघन करके, दूसरों पर आरोप ना लगाएं- भारतीय प्रतिनिधि
भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, वो परिषद की कार्यवाही को हर बार राजनीतिक रंग देने की कोशिश में लगा रहता है। वहीं, पाकिस्तान खुद ही संधि के सिद्धांतों के उल्लंघन से भरा पड़ा रहता है। भारतीय प्रतिनिधि ने आगे कहा कि, जो देश जबरदस्ती संधि की मूल भावना का उल्लंघन करता है, उसे दूसरों पर आरोप लगाने का कोई भी हक नहीं है।
विश्व बैंक की मध्यस्था
बता दें, साल 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि को भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बीच एक सहयोग माना गया था। इस संधि के तहत ही भारत को पूर्व की नदियों, रावी, ब्यास और सतलुज पर कंट्रोल दिया गया था और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का कंट्रोल दिया गया था। जिसमें सिंधु, झेलम और चिनाब नदी शामिल थीं। जब 23 अप्रैल को भारत ने सिंधु जल संंधि को निलंबित किया तो पाकिस्तान में भारी जल संकट खड़ा हो गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के दोनों ही बड़े जलाशय डेड स्टोरेज लेवल पर आ गए हैं। साथ ही पाकिस्तान को भारी कृषि उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी।
Created On :   20 Sept 2025 2:21 PM IST