Teacher's Day 2025: गुरु नानक देव से लेकर गुरु द्रोणाचार्य तक..भारतीय इतिहास के महान शिक्षक जिनने समाज को दिखाया धर्म का मार्ग

गुरु नानक देव से लेकर गुरु द्रोणाचार्य तक..भारतीय इतिहास के महान शिक्षक जिनने समाज को दिखाया धर्म का मार्ग
  • कल उत्साह से मनाया जाएगा शिक्षक दिवस
  • भारत के इतिहास में कई महान शिक्षकों के नाम दर्ज
  • सभी ने दिखाई सच्चाई की राह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन महान शिक्षक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। भारत के इतिहास में कई महान शिक्षकों का नाम दर्ज हैं जिन्होंने समाज को धर्म की राह पर चलना सिखाया। इनमें भगवान राम को शिक्षा देने वाले गुरु वशिष्ठ से लेकर महान राजनीतिज्ञ चाणक्य के नाम शामिल हैं। इन गुरुओं का नाम ना केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज है बल्कि लोग आज भी इनकी सिखाई हुई बातों पर अमल करने की कोशिश करते हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे गुरुओं के बारे में जिनका नाम बेहद प्रसिद्ध है और लंबे समय से चला आ रहा है।

गुरु द्रोणाचार्य

गुरु द्रोणाचार्य महाभारत काल के महान आचार्यों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने कौरव और पांडवों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दी थी। गुरु द्रोणाचार्य के शिष्यों में सबसे पहला नाम अर्जुन का लिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गुरु से जो धनुर्विद्या सीखी थी उसका को तोड़ नहीं। गुरु द्रोणाचार्य को धैर्य और अनुशासन में महारथ हासिल थी।

गुरु वशिष्ठ

गुरु वशिष्ठ रामायण काल के बेहद प्रसिद्ध ऋषि थे। उन्होंने राजा दशरथ, भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को विद्या दी। उन्होंने शास्त्रों के साथ धर्म के पालन की भी शिक्षा दी थी।

गुरु चाणक्य (कौटिल्य)

गुरु चाणक्य, तक्षशिला विश्वविद्यालय के महान आचार्य थे। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को शिक्षा दी और उन्हें एक मजबूत शासक बनाने पर काम किया। आज भी जब नीतियों की बात होती है तो चाणक्य का नाम अक्सर सुनने को मिलता है। उन्हें “भारत का महान राजनीतिज्ञ गुरु” भी कहा जाता है।

गुरु नानक देव

सिख धर्म के पहले गुरु और समाज के हित में सोचने वाले गुरु नानक देव ने मानवता और ईमानदारी से जीवन जीना सिखाया। उन्होंने सभी को मिल-जुल कर भाईचारे के साथ रहने की सीख दी।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षक थे। जब उनके शिष्यों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने कहा था इसे मेरे लिए नहीं, बल्कि सभी शिक्षकों के सम्मान में मनाओ। उस दिन से हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   4 Sept 2025 5:01 PM IST

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