मामूली आंधी से करतारपुर गुरुद्वारे में 8 गुंबद ढहे, पाकिस्तान की हुई किरकिरी
नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान के करतारपुर गुरुद्वारा दरबार साहिब में मामूली आंधी से आठ गुंबद ढह गए। प्रकृति के इस प्रकोप ने पाकिस्तान सरकार की कलई खोलकर रख दी है।
इस्लामाबाद में स्थानीय सूत्रों ने सोशल मीडिया रपटों की पुष्टि की कि हाल ही में पुनर्निर्मित सिख तीर्थस्थल के कम से कम आठ गुंबद शुक्रवार शाम बारिश और आंधी के दौरान ढह गए। इस घटनाक्रम ने इमरान खान सरकार की किरकिरी करके रख दी है, जिसने दोनों देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया है।
पाकिस्तान ने भारतीय सिखों का समर्थन प्राप्त करने के लिए गुरुद्वारे के जरिए अपने रणनीतिक उद्देश्यों को साधा है, मगर आंधी से गुंबद गिरने की घटना ने संघीय सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
नई दिल्ली और इस्लामाबाद ने नवंबर 2018 में भारत के पंजाब स्थित गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के साथ करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाले एक सीधे सीमा-पार मार्ग को स्थापित किया था। करतारपुर गुरुद्वारा ही वह जगह है, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपना आखिरी वक्त बिताया था।
आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए विश्व स्तर पर बदनाम पाकिस्तान ने शांति स्थापित करने और सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा में पहल के रूप में गलियारे का निर्माण किया था। पाकिस्तान ने इसके जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश की, मगर इस घटनाक्रम ने उसकी कलई खोलकर रख दी है।
रविवार को सूत्रों ने कहा कि करतारपुर में गुंबदों का निर्माण सस्ती घटिया सामग्री के साथ किया गया था, जिस पर सिख समुदाय ने भी आपत्ति जताई थी।
सूत्रों ने कहा कि प्रशासन को फाइबरग्लास के पहले से बने बनाए गुंबद कहीं से मिल गए थे, जिसे उसने ढांचे पर लगा दिया था, ताकि वह प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा तय की गई समयसीमा के भीतर काम को पूरा कर वाहवाही लूट सके और लागत भी कम लगे।
पता चला है कि गुंबदों के निर्माण में सीमेंट, लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं हुआ और घटिया सामग्री के निर्माण के चलते ये मामूली आंधी को भी नहीं झेल सके।
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने धार्मिक स्थल के रखरखाव के लिए धन जुटाने के लिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का प्रवेश शुल्क भी लगाया है।
Created On :   19 April 2020 7:00 PM IST