बिहार : बेटी-रोटी संबंध वाले नेपाल से तू-तू, मैं-मैं !
पटना/सीतामढ़ी, 13 जून (आईएएनएस)। वर्षो से बिहार और नेपाल का संबंध बेटी-रोटी का रहा है, लेकिन अब नेपाल सीमा पर तनाव बना हुआ है। पश्चिम चंपारण से लेकर पूर्णिया तक की सटी सीमाओं पर लगातार छोटी सी छोटी बातों को लेकर विवाद उत्पन्न होने के बाद से इस बेटी-रोटी के संबंध अब तू-तू, मैं-मैं की जगह ले ली है।
इस स्थिति में दोनों देशों के बीच संबंधों में भी तनाव बढ़ा है। पश्चिम चंपारण जिले के भिखनाठोरी बार्डर पर 27 मई को पहाड़ी नालों का पानी रोके जाने के कारण दोनों देशों के लोग आमने-सामने आ गए थे। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और गांवों का पानी रोके जाने से तनाव कायम है।
पूर्वी चंपारण के छौड़ादानो बर्डर पर भी तनाव बना हुआ है। यहां भी दो गांवों के बीच हुई रोड़ेबाजी के बाद दोनों देशों के अधिकारियों को विवाद सुलझाने के लिए पहल करनी पड़ी।
इसी बीच, सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र में तो शुक्रवार को नेपाल सशस्त्र बल के जवानों द्वारा की गई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत ने तो बेटी-रोटी के संबंधों में गांठ और बड़ी कर दी है।
अन्य सरहदों की सीमाएं भले ही कंटीली तारों से घिरी हो और सरहदी दीवारों के पास संगीनधारी सुरक्षा बल के जवानों का पहरा हो, लेकिन नेपाल की सीमा पर अपनों के रिश्ते के लिए कोई दीवार नहीं थी। दोनों देशों के लेाग इधर से उधर आसानी से जा पाते थे। बिहार के कई लोगों की जमीनें नेपाल में हैं, जबकि कई के संबंधी नेपाल में हैं।
सरहदों पर पहरेदार के रूप में तैनात जवान भी इन दोनों के रिश्तों को और मजबूत बनाने का प्रयत्न करते थे, लेकिन हाल की घटनाओं ने इस रिश्ते पर गांठ पड़ गई है। हालांकि सशस्त्र सीमा बल भी शुक्रवार को सीतामढ़ी की घटना के पीछे स्थानीय विवाद बता रहा है।
स्वयंसेवी संस्था मीडिया फॉर बॉर्डर हॉर्मोनी के पूर्व सचिव अजय पांडेय बड़ी स्पष्टता से कहते हैं कि जब से नेपाल में वामपंथी समर्थित सरकार आई है बॉर्डर पर तनाव बढ़ा है। वे कहते हैं, आप दोनों तरफ के लोगों से बात कर लें, दोनों तरफ के गांवों में आज भी मधुरता कायम है। वामपंथी समर्थित सरकार के आने के बाद बेटी-रोटी के संबंध में गांठ जरूर पड़ी है। सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। छोटी-छोटी बातों पर विवाद हो रहे हैं।
मधेस आंदोलन के नेता और सांसद प्रदीप यादव भी भारत के रिश्ते में खटास को नेपाल की सरकार को उतरदायी मानते हैं। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि भारत और नेपाल के बेटी-रोटी के रिश्ते को और मधुर और मजबूत बनाने की, लेकिन आज इस संबंध में कटुता आई है।
उन्होंने तो यहां तक कहा कि अगर यही स्थिति रही तो फिर से मधेस आंदोलन को बुलंद किया जाएगा।
इधर, भारत-नेपाल संबंधों के जानकार और साामजिक कार्यकर्ता भारत-नेपाल सीमा पर बसे रक्सौल के रहने वाले अर्जुन भारतीय भी मानते हैं कि हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिससे लोग अब सशंकित रहते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि दोनों देशों की सीमा पर तनाव कायम है, लेकिन वे यह भी कहते हैं, इसमें अभी भी सुधार की गुंजाइश है।
वे कहते हैं कि सीमा पर कई गांव ऐसे हैं कि जो पूरी तरह से एक-दूसरे देशों पर आश्रित है। हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के कारण सीमाओं को सील किया गया था, जिससे लोग परेशान भी हुए हैं।
एसएसबी हालांकि इसे दूसरे तरीके से देखती है। एसएसबी, पटना फ्रंटियर के आईजी संजय कुमार कहते हैं कि भारत-नेपाल सीमा पर कोई तनाव नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच खुला हुआ बर्डर है और दोनों देश के लोगों का बेटी-रोटी का संबंध है और दिन-रात आना जाना लगा रहता है ऐसे में कई बार झगड़ा होता है पर मामला सुलझा लिया जाता है।
Created On :   13 Jun 2020 2:30 PM IST