ऑरा, जो हमारे बॉडी पर डालता है कई प्रभाव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कहते हैं मन खुश होता है तो सब अच्छा लगता है। मन दुखी रहता है तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। मन के खुश होने या दु:खी होने का कनेक्शन हमारे ऑरा से होता है जिसे हम आभामंडल भी कहते हैं। आपके आस-पास के इलेक्ट्रोमेग्नेटिक्स फील्ड को ही ऑरा कहते हैं। हमारे अंदर के एटम्स, इलेक्ट्रोन्स, प्रोटोन्स के आपस में टकराने से जो एनर्जी प्रोड्यूस होती है उससे ऑरा बनता है।
पृथ्वी पर स्थित हर वस्तु का ऑरा होता है। पृथ्वी के ऑरा का कलर सिल्वर होता है। इसी तरह हर व्यक्ति का अपना एक अलग ऑरा होता है। ऑरा का रंग, हरा, काला, पीला, लाल, गुलाबी होता है जो उसकी पर्सनैलिटी, नेचर, कैरेक्टर आदि के आधार पर बनता है। मनुष्य के ऑरा का रंग बदलता रहता है। ये ऑरा स्प्रिच्युअल, फिजिकल, और मेंटल एनर्जी को रिप्रेजेंट करता है। व्यक्ति की सेहत उसके ऑरा को डायरेक्टली रिप्रेजेंट करती है।
ऑरा की 7 परतें
ऑरा की 7 अलग-अलग परतें होती हैं। ये 7 परतें सूक्ष्म शरीर होती हैं। जो ये 7 चक्रों के अनुरूप होती हैं। हम आपको यहां इन सातों परतों के बारे में बताएंगे। कि कौन सी परत हमारे जीवन के किस हिस्से से कनेक्टेड होती है।
- पहली परत को एथ्रीक लेयर कहते हैं। जो हमारे सुख-दुख और सेहत का समावेश होता है।
- दूसरी लेयर इमोशनल लेयर होती है। जो हमारे शरीर से तीन इंच दूर होती है। ये हमारे जीवन के इमोशन्स से कनेक्टेड होती है।
- तीसरी लेयर होती है मेंटल लेयर, जो शरीर से 3 इंच से 8 इंच की दूर पर होती है। ये हमारे ईगो, वेल्यू और बिलीव सिस्टम को दर्शाती है।
- चौथी लेयर एक एस्टल बॉडी लेयर है जो प्रेम को दर्शाती है। इस परत का बहुत महत्व है। क्योंकि इसके नीचे तीन परत और इसके ऊपर तीन परत होती हैं। इन 6 परतों को बैलेंस करने में ये बहुत बड़ा रोल अदा करती है।
- पांचवीं लेयर, ये मेनिफेस्टेशन की परत होती है। जो आपकी स्प्रिच्युअल हेल्थ को रिप्रेजेन्ट करती है।
- छठवीं परत, ये हमारी इन्ट्यूशन की लेयर होती है। जिसे हम छठी इंद्री कहते हैं।
- सातवीं लेयर सबसे महत्वपूर्ण होती है। ये लेयर हमारे सिर से तीन फिट ऊंची होती है। हमारे सिर के ऊपर जो "मैं हूं" को दिव्य शक्ति से कनेक्ट करती है यही सातवीं लेयर होती है।
Created On :   8 Jun 2018 1:55 PM IST