अगर आप भी है अपने बेबी के रात में न सो पाने की आदत से परेशान हैं, तो करें यह उपाय

If the child is troubled by the habit of not sleeping at night, then do this remedy
अगर आप भी है अपने बेबी के रात में न सो पाने की आदत से परेशान हैं, तो करें यह उपाय
अगर आप भी है अपने बेबी के रात में न सो पाने की आदत से परेशान हैं, तो करें यह उपाय

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अगर आप भी बच्चे के रात में न सो पाने की वजह से परेशान हैं और आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है, तो यह खबर आपके लिए है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बच्चे रात को नहीं सोते हैं। इसके चलते मां की नींद भी पूरी नहीं हो पाती है और मां की हेल्थ पर इसका बुरा असर होने लगता है। इस समस्या के समाधान के लिए रीवा के ब्लॉसम चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में बाल चिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. तारिक कमाल से जानते हैं उपाय...

बच्चों के रात में जागने का कारण
बच्चों के रात में जागने के सवाल पर डॉ. तारिक ने बताया कि जब बच्चा पेट में रहता है, तब वह पानी की एक थैली जिसे एमनियोटिक सैक (Amniotic Sac) कहा जाता है उसमें तैरता रहता है। जब मां दिन में चलती फिरती रहती है, तब इस सैक के पानी में बच्चा हिलता-डुलता रहता है, इससे बच्चे को पालने का इफेक्ट मिलता है। लेकिन, मां जब रात को लेट जाती है तो इस पानी का हिलना बंद हो जाता है और बच्चा जाग जाता है। इस कारण से ही नवजात बच्चों की ये आदत बनी रहती है और जब वह पैदा होता तो इस आदत कि वजह से वो रात में जागता है और दिन में सोता है।

बच्चों की रात में सोने की आदत कैसे डालें
सेट करें बच्चे की स्लीप साइकिल सेट करें- डॉ. तारिक के अनुसार इस आदत को बदलने में बच्चे को कभी-कभी डेढ़ से चार महीने का समय भी लग सकता है। लेकिन, अगर आप चाहते हैं बच्चे की यह आदत जल्द से जल्द बदल जाए, तो इसके लिए बच्चे के सोने का एक समय तय करना होगा। इससे बच्चे के दिमाग को धीरे-धीरे एक सिग्नल मिलता रहेगा कि सोने का समय हो रहा है और बच्चे की स्लीप साइकिल सेट होना शुरू हो जाएगी।

क्या करें (Do’s)

  • जब भी बच्चे को रात में सुलाने जाएं तो उस समय लाइट बंद या बहुत डिम होनी चाहिए, टीवी अगर चल रहा है तो उसे भी बंद कर दें। मोबाइल की लाइट को भी कम या बंद कर दें। 
  • बच्चे की स्लीप साइकिल को सेट करने के लिए कमरे का तापमान सही रखना जरूरी है। नवजात बच्चे के लिए 26 से 30 डिग्री के बीच का तापमान बेस्ट माना जाता है।
  • सोने के लिए बच्चे का बिस्तर न तो बहुत सख्त हो और न ही बहुत मुलायम हो, जिससे जब बच्चा उस पर लेटे तो धंस जाए।
  • इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चों को सुलाते समय गोद में न ले। शुरुआत में तो ये आपकी मदद कर सकता है। लेकिन, बच्चे की अगर ये आदत बन गई तो आपके लिए आगे बहुत मुशिकल हो जाएगी, क्योंकि बच्चा हर बार आपकी गोद में ही सोने की कोशिश करेगा। अगर बिस्तर पर सुलाने की कोशिश करेंगे तो वह जग जाएगा।
  • याद रहे बच्चे के सोते वक्त मां को बच्चे के पास होना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चा मानसिक और शरीरीक रूप से मां से जुड़ा होता है। बच्चा मां की स्मेल और स्पर्श को भी पहचनता है। ऐसे में उन्हें एक सिक्योरिटी को एहसास होता है। जिसे उन्हें अच्छी नींद आती है।

क्या न करें (Dont’s)

  • एक्सपर्ट ने बताया कि कई बार लोग बच्चे को सुलाने के लिए ब्रांडी या अफीम भी चटा देते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की गलती कभी नहीं करनी चाहिए इसे बच्चे के मानसिक विकास में कमी आ सकती है और यह बच्चे के लिए जानलेवा साबित भी हो सकता है। इसके साथ ही एक्सपर्ट ने यह भी कहा कि बच्चे को किसी भी अननैचुरल तरीके से या दवाई देकर न सुलाएं।
  • अगर आपको बच्चे को नींद की दिक्कत है तो किसी बच्चों के डॉक्टर से जरूर मिलें, वो आपको सही सलाह देंगे।

बच्चों को कब और कितनी देर के लिए सोना चाहिए
पहले एक से डेढ़ महीने में बच्चे के दिन में सोने का समय करीब 8 से 9 घंटे का होता है और रात में सोने का समय 8 घंटे का होता है। यानी बच्चा दिन में ज्यादा सोता है और रात में कम सोता है। शुरुआती डेढ़ से तीन महीने तक बच्चा लगातार 7-8 घंटे नहीं सो पाता है, वो छोटे-छोटे अंतराल में जैसे 2 या 3 घंटे के लिए सोता है। लेकिन, जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, उसके दिन में सोने का समय कम और रात में सोने का समय बढ़ता जाता है। यह उसका नार्मल स्लीप साइकिल होती है। एक साल का होते-होते बच्चा रात में 10 से 12 घंटे सोता है और दिन में 2-3 घंटे सोने लगता है। 

Created On :   19 Feb 2021 2:08 PM GMT

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