देसी खिलौने में बढ़ी ग्राहकों की दिलचस्पी, चीनी उत्पादों की घटी मांग

Increased customer interest in desi toys, reduced demand for Chinese products
देसी खिलौने में बढ़ी ग्राहकों की दिलचस्पी, चीनी उत्पादों की घटी मांग
देसी खिलौने में बढ़ी ग्राहकों की दिलचस्पी, चीनी उत्पादों की घटी मांग
हाईलाइट
  • देसी खिलौने में बढ़ी ग्राहकों की दिलचस्पी
  • चीनी उत्पादों की घटी मांग

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिवाली पर इस बार गिफ्ट में परंपरागत देसी खिलौने की अच्छी मांग रही जबकि चमक-दमक वाले चीनी उत्पादों के प्रति ग्राहकों का रुझान कम रहा। इसकी वजह भी कोरोना काल में बदली परिस्थितियां ही रही हैं जिसके चलते खिलौने के आयात में काफी गिरावट आई है।

कारोबारी बताते हैं कि खासतौर से लाइटिंग वाले खिलौने जो बच्चों के लिए मनमोहक होते हैं इस साल दिवाली पर ग्राहकों के लिए आकर्षण के केंद्र नहीं बन पाए बल्कि परंपरागत देसी खिलौने खरीदने में उनकी ज्यादा दिलचस्पी दिखी।

दिल्ली-एनसीआर के खिलौना कारोबारी और प्लेग्रो ट्वॉयज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि दिवाली पर ज्यादातर लोग उपहारों के लिए खिलौने खरीदते हैं और पहले जहां चीन से आयातित लाइटिंग वाले आइटम लोग ज्यादा खरीदते थे वहां इस साल वे देसी और परंपरागत खिलौने को पसंद कर रहे थे। गुप्ता इसकी वजह बताते हैं कि बच्चे इन दिनों घरों में रहते हैं इसलिए उनके लिए इंडोर प्ले आइटम्स की मांग ज्यादा है जबकि लग्जरी व मॉर्डन ट्यॉज जिनमें आउटडोर ट्यॉज, लाइट एंड म्यूजिक के खिलौने, रिमोट कंट्रोल के खिलौने आते हैं उनकी मांग कम हो रही है।

देसी खिलौने के प्रति लोगों के आकर्षण का नतीजा यह हुआ है कि चीन से खिलौने के आयात में काफी गिरावट आ गई है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल से लेकर सितंबर तक यानी पहली छमाही में करीब 446.39 करोड़ रुपये मूूल्य के खिलौने का आयात हुआ जबकि बीते वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1,97,3.28 करोड़ रुपये के खिलौने का आयात हुआ था। इस प्रकार, बीते पूरे वित्त वर्ष के दौरान हुए खिलौने के कुल आयात के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के आरंभिक छह महीने में महज 22.62 फीसदी ही आयात हो पाया है।

भारत सबसे ज्यादा खिलौने का आयात चीन से करता है, इस साल चीन से खिलौने का आयात घटा है।

टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अजय अग्रवाल बताते हैं कि चीन से खिलौने का आयात रूका नहीं है, लेकिन घटा जरूर है क्योंकि कोरोना काल में कारोबारी चीन जा नहीं पा रहे हैं इसलिए पसंद के खिलौने नहीं मंगा पा रहे हैं। अग्रवाल ने भी बताया कि दिवाली पर ज्यादातर वो इलेक्ट्रॉनिक खिलौने बिकते हैं जो सेल से चलते हैं और ऐसे खिलौने चीन से आते हैं लेकिन कोरोना की वजह से खिलौने की मांग पिछले साल के मुकाबले कम है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चीन से खिलौने के आयात में जो कमी आई है उसकी भरपाई देसी खिलौने से करने के लिए घरेलू कारोबारियों को सरकार से मदद की दरकार है। उन्होंने कहा, सरकार को खिलौना विनिमार्ताओं को कम से कम ब्याज दर पर कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि उनको कोरोना से कारोबार पर जो असर पड़ा है उससे निकलने में मदद मिल सके।

अग्रवाल ने कहा, देश में खिलौना कारोबार को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं इसलिए एसोसिएशन की ओर से मैं सरकार से निवेदन करूंगा कि खिलौने को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाए ताकि देश के खिलौना कारोबारियों का उत्साहधर्वन हो और इस क्षेत्र में हम चीन का विकल्प बन सकें।

उन्होंने कहा कि कारोना काल में स्कूल बंद होने से शैक्षणिक खिलौने की मांग सुस्त है, लेकिन बच्चे घरों मंे हैं इसलिए उनके लिए घरों में खेलने वाले खिलौने की मांग पहले से ज्यादा बढ़ी है।

भारत में रक्षाबंधन, दिवाली और क्रिसमस पर खिलौने की बिक्री ज्यादा होती है, कोरोना की वजह से पिछले साल के मुकाबले बीते दोनों त्योहारों पर कुल मिलाकर खिलौने की बिक्री सुस्त रही और अब कारोबारियों की नजर क्रिसमस पर है।

पीएमजे-एसकेपी

Created On :   17 Nov 2020 8:00 AM GMT

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