महाराष्ट्र : पिता की मौत बाद खुशी और दुख के बीच आदिवासी लड़की ने रचाई शादी

Maharashtra: Tribal girl marries amidst joy and sorrow after fathers death
महाराष्ट्र : पिता की मौत बाद खुशी और दुख के बीच आदिवासी लड़की ने रचाई शादी
महाराष्ट्र : पिता की मौत बाद खुशी और दुख के बीच आदिवासी लड़की ने रचाई शादी

यवतमाल, 3 जून (आईएएनएस)। दो छोटे गांवों के सैकड़ों निवासियों ने एक जनजातीय दंपति की शादी के समारोह में हिस्सा लिया, लेकिन खुशी के इस मौके पर सभी की आंखें नम थीं। यह समारोह खुशी और दुख के एक संगम की तरह था। एक गैर सरकारी संगठन की मदद से बुधवार सुबह पायल अत्राम और आकाश कुलसंगे शादी के बंधन में बंध गए।

लड़की की शादी पहले 28 मई को होने वाली थी, लेकिन 27 मई को उसके परेशान पिता ने आत्महत्या कर ली।

इस घटना के एक हफ्ते बाद लड़की के गांव साखरा-ढोकी से लोग बारात लेकर लड़के के गांव गोंडवाकाडी पहुंचे। सभी अपने पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर इस खास मौके पर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए शामिल हुए थे। इस दौरान खान-पान व जश्न का भी आयोजन किया गया और यह सब कुछ सोशल डिस्टेंसिंग का पर्याप्त ध्यान रखते हुए ही किया गया।

मुश्किल से एक सप्ताह पहले दोनों गांवों में शोक का माहौल था और 23 वर्षीय पायल और 27 वर्षीय आकाश की शादी पर प्रश्नचिह्न् खड़े हो गए थे। पायल के गांव साखरा-ढोकी की आबादी 900 है, जबकि आकाश के गांव गोडवाकाडी की आबादी 425 है।

पायल के पिता की मौत के बाद दोनों गांवों में शोक का वातावरण था, और लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि दो दिन बाद प्रस्तावित शादी होगी कैसे।

वर और वधु के परिवारवालों ने मिलकर शादी को स्थगित करने का फैसला किया। इस बीच गैर सरकारी संगठन विदर्भ जन आंदोलन समिति (वीजेएएस) को इसका पता लगा, तो उन्होंने मामले की छानबीन की।

वीजेएएस के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा, यह कृषक की परेशानी से संबंधित मसला है। लड़की के पिता मारोती अत्राम लॉकडाउन के चलते अपनी बेटी की शादी के लिए न्यूनतम जुगाड़ तक कर पाने में असमर्थ रहे थे, जिसके चलते उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।

इस परिवार की परेशानी को देखते हुए वीजेएएस और तिवारी ने अपनी पत्नी स्मिता के साथ मिलकर इनकी शादी में मदद करने का फैसला किया और इलाके में मौजूद अन्य समाजसेवियों तक भी यह बात पहुंचाई गई।

तिवारी ने शादी के मंडप से ही आईएएनएस को बताया, बमुश्किल तीन दिनों में, हमें जिस कदर दान मिला, उसकी मदद से आज सम्पूर्ण आदिवासी रीति-रिवाज के साथ इस विवाह को सम्पन्न किया गया। 750 से अधिक लोगों ने साधारण, लेकिन स्वादिष्ट व्यंजनों का लुफ्त उठाया।

Created On :   3 Jun 2020 5:30 PM IST

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