म्यूजिक सुनने से कम होता है तनाव, जानिए कैसे काम करती है ये थेरेपी
डिजिटल डेस्क । म्यूजिक थैरेपी के बारे में आपने सुना ही होगा। डॉक्टर्स से लेकर कई बड़े जानकर भी ये मानते हैं कि किसी भी तरह की मानसिक समस्या को म्यूजिक थैरेपी से खत्म किया जा सकता है। आज भाग-दौड़ से भरी रफ्तार से चलने वाली लाइफ में मानसिक दबाव से मस्तिष्क जल्द थक जता है। खुद को मानसिक शांति देने के लिए हम कई तरह के तरीके अपनाते हैं। योग, व्यायाम, वर्क आउट, ट्रेवलिंग और म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं। म्यूजिक हम काम करते-करते भी सुन सकते हैं और फुरसत के वक्त तो ये करना सबसे अच्छा काम माना जाता है। म्यूजिक थैरेपी के लिए सॉफ्ट और लाइट म्यूजिक को प्राथमिकता दी जाती है। जिसके लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत को सबसे उम्दा माना गया है, लेकिन कभी सोचा है कि ये काम कैसे करता है? आइए जानते है म्यूजिक थेरेपी के बारे में...
म्यूजिक व्यक्ति के मन:स्थिति को ठीक करके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। म्यूजिक सुनने मात्र से ही दुखी व्यक्ति में हर्ष के मनोभाव संवेग उत्पन्न होते हैं जो नकारात्मक विचारों को साफ करके नई सकारात्मक ऊर्जा द्वारा उमंग के साथ जीवन जीने के लिये प्रेरित करती है। म्यूजिक मनो थेरेपी द्वारा आज क्रोध, ईर्ष्या, शोक आदि संज्ञानात्मक संवेगों को परिवर्तित करना, प्रौढ़ावस्था की शारीरिक व मानसिक समस्याओं से म्यूजिक के जरिए जीवन जीने की इच्छा प्रबल करना, मादक द्रव्यों का सेवन करने वालों का उपचार, बच्चों को म्यूजिक के जरिए शिक्षा एवं मानसिक विकास किया जाता है।
कुछ चुने गए रागों के माध्यम से म्यूजिक साइकेट्रिस्ट्स डिप्रेशन, सेडनेस,प्रेशर,रेफ्लेक्श, आदि मानसिक विकृतियों के मनोभाव, आवेश, मोमेंटम, माइंड इरीटेशन को दूर करके व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ बना नयी ऊर्जा का मस्तिष्क में संचार करते हैं। म्यूजिक सकारात्मक आत्मछवि का निर्माण कर जीवन की शारीरिक व मानसिक समस्याओं का सामना करने की नीतिगत विचार तकनीक सिखाता है। म्यूजिक ध्यान को स्थिर करके श्वांसों की निश्चित स्थिर गति योग अचेतन मस्तिष्क की मधुर तरंगों को उदीप्त करती है। अक्सर हमने देखा है कि रोते हुए बच्चे मधुर म्यूजिक सुनकर सो जाते हैं, जिससे हम सभी जानते हैं कि म्यूजिक मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। कुछ अच्छे शब्दों को बोलने की अपेक्षा लयबद्ध म्यूजिक बच्चे के मन को शांति देने में प्रभावी है।
भारतीय शास्त्रीय म्यूजिक के सा, रे, ग, म, प, ध, नी, सा सरगम की ध्वनि तीनों सप्तक कोमल तीव्र स्वरों की तुलना आप झरने, पवन, कोयल, मोर, पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों के प्राकृतिक मधुर म्यूजिक आदर के साथ कर सकते हैं। भारतीय म्यूजिक गायन, वादन, नृत्य हो या फिर प्राकृतिक म्यूजिक में सात सुरों की सरगम का समावेश है। राग थैरेपी, नाद योग पुरातन समय से हमारे देश में आज भी प्रयोग की जाने वाली म्यूजिक थैरेपी है जो आपके अंर्तमन को उच्च जीवन शक्ति प्रदान कर कैंसर जैसी लाइलाज रोग को भी मात देने में काफी हद तक सफल है। नाद योग द्वारा लयबद्ध श्वांस लेने की एक निश्चित आवृत्ति वाद्य यंत्र ध्वनि उत्पन्न करती है, जिसका निरंतर प्रयोग मानव शरीर के मेरुदंड में सातों चक्रों के प्रबंध तक पहुंचती है।
Created On :   20 Aug 2018 12:57 PM IST