भारत में करीब 6 करोड़ लोग हैं डिप्रेशन का शिकार, आयुर्वेद में छिपा है इसका इलाज
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत में वैसे तो लोग कई बीमारियों का शिकार हैं, लेकिन एक समस्या ऐसी भी है जिसमें इंसान पीड़ित होकर भी खुद को पीड़ित नहीं मानता है। भारत में ऐसे रोगियों की संख्या हर साल बढ़ती चली जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर के 30 करोड़ से ज्यादा लोग अवसाद की समस्या से पीड़ित है। अवसाद जिसे हम डिप्रेशन भी कहते हैं, यह बीमारी इंसान को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है। जो भी शख्स डिप्रेशन से पीड़ित होता है वह या तो अपनी किसी गलती को लेकर पश्याताप कर रहा होता है, या फिर किसी के जिंदगी से चले जाने को लेकर परेशान रहता है। ऐसे में इंसान अपने आप से बातें करता रहता है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनील मित्तल ने कहा कि भारत में भी करीब 6 करोड़ लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। चिंता और अवसाद आम बात हैं। मानसिक रोग इतनी तेज़ी से बढ़ रहा है कि वह दिन दूर नहीं, दुनिया में सबसे ज्यादा अवसाद के मरीज होंगें। इससे पीड़ित लोग तेज़ी से आत्महत्या भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान संस्थान (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल में भारत में पैरालिसिस और मानसिक रोगों से प्रभावित 8409 लोगों ने आत्महत्या की।
भारत में 66,200 मनोचिकित्सकों की कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार विश्व में डिप्रेशन के मरीजों की संख्या 322 मिलियन के आस-पास हैं। जिसमें लगभग आधे मरीज भारत से हैं और चीन से भी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दस वर्षों में डिप्रेशन के मरीजों में 18.4 प्रतिशत मरीजों की वृद्वि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने इस समस्या के लिए एक वर्ष की एक मुहिम शुरू की है, इस मुहिम का लक्षय है अवसादग्रस्त लोगों की मदद के लिए समाज को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना।
अभिनेत्री ने भी साझा किए अपने विचार
डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक मार्गेरेट चान ने कहा, जो नए आंकड़े सामने आए हैं, उन्हें देखकर सभी देशों को अपनी आंखें खोल लेनी चाहिए। विश्व मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन के 21वें संस्करण के चौथे और अंतिम दिन डॉ. सुनील मित्तल और प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्ट्रेस इलियाना डीक्रूज ने डिप्रेशन संबंधी अपनी संघर्ष की कहानी बताई। इलियाना ने बताया कि "मैं हमेशा से एक बहुत ही आत्मचेतन लड़की रही हूं, मैं हर समय खुद को आसहाय और दुखी महसूस किया करती थी। एक समय था जब मैं आत्महत्या करना चाहती थी। बाद में मुझे पता चला कि मैं शारीरिक डिसमॉर्फिक बीमारी से पीड़ित हूं।" इलियाना ने कहा कि मैंने बाद में अपने आप को इससे बाहर निकाला। इस सम्मेलन के अंतिम दिन नोबल विजेता कैलाश सत्यार्थी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मौजूद रहे।
डिप्रेशन के लक्षण
निर्णय लेने में असमर्थता
बहुत अधिक अथवा बहुत कम सोना
आत्महत्या के विचार आना
आत्मविश्वास की कमी
अकेलेपन की भावना
अपराध भाव से ग्रस्त होना
चिड़चिड़ा स्वाभाव
आयुर्वेद से पाएं डिप्रेशन पर छुटकारा
1- रोजाना एक चम्मच अश्वगंधा खाने से आपको डिप्रेशन में राहत मिलेगी। अश्वगंधा में स्टेरायडल लैक्टोन, सैपोनिन, एल्कलॉइड जैसे सक्रिय यौगिक पाए जाते हैं, जिनसे तनाव और चिंता को दूर करने में मदद मिलती है।
2-ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है, जो आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। इसमें तनाव और डिप्रेशन को दूर करने की क्षमता होती है।
3-जटामांसी इन्सोमिया और अन्य अनिद्रा विकारों के इलाज में मदद करती है। अकसर इंसान डिप्रेशन के दिनों में ठीक से नींद नहीं ले पाता है। जटामांसी को एंटीडिप्रैंसेंट और एंटी स्ट्रेस गुणों के लिए भी जाना जाता है।
Created On :   7 Nov 2017 3:35 PM IST