चीन का चीनी स्वप्न क्या है?

What is the Chinese dream of China?
चीन का चीनी स्वप्न क्या है?
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बीजिंग, 4 जुलाई (आईएएनएस)। चीन ने जिस तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था का विकास किया है उसे चमत्कार से कम नहीं कहा जाएगा। दरअसल, इसके लिये उसने गजब के धैर्य का परिचय दिया है और बहुत ही ठहराव और फोकस तरीके से अपने आपको इस दिशा में आगे बढ़ाया है। चीनी नेता तंग श्याओ फिंग का एक मशहूर कथन है बिल्ली काली है या सफेद इसका तब तक कोई मतलब नहीं, जब तक कि वह चूहे पकड़ रही हो.. जाहिर है उनका पूरा जोर तरीके पर नहीं, लक्ष्य पर रहा है।

आज चीनी अर्थव्यवस्था विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। चीन के बड़े शहर शांगहाई की चमक-दमक विश्व के सबसे विकसित देशों के शहरों को टक्कर देती है, सुधारवादी नीतियों के लागू होने के बाद असमानता बढ़ी है, फिर भी इस दौरान बड़ी संख्या में लोग गरीबी से बाहर भी निकले हैं। साल 2018 में चीन में सुधार और खुलेपन की नीति लागू करने की 40वीं वर्षगांठ मनायी गई और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग घोषणा कर चुके हैं कि चीनी विशेषता वाला समाजवाद एक नये काल में प्रवेश कर चुका है जो कि चीन के विकास की नयी ऐतिहासिक दिशा साबित होगी।

बहरहाल, शी चिनफिंग ने महान चीनी राष्ट्र के पुनरुत्थान का सपना पेश किया है जिसमें चीन के आर्थिक मजबूती के साथ दुनिया के मंच पर उसे एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की बात भी शामिल है। अपनी इस अभिलाषा को उन्होंने चीनी स्वप्न यानी सभी चीनियों की अभिलाषा के रूप में पेश किया है। इसके लिये उन्होंने व्यापक नवीनीकरण की वकालत की है जिसमें खुलेपन के विस्तार और शासन क्षमता के आधुनिकीकरण जैसी बातें शामिल हैं।

दरअसल, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग चीनी बाजार को बड़ा करने की बात करते हैं। उनका कहना है कि एक निष्पक्ष बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीनी और विदेशी निवेशकों दोनों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य के साथ चीन अपने दरवाजे पहले से कहीं ज्यादा दुनिया के लिए खोल देगा। वैसे भी चीनी अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था में इतनी घुल-मिल गई है कि यदि दरवाजा बंद किया जाता है तो चीन का अपना रास्ता रुक जाएगा।

साल 2021 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाएगी, शी चिनफिंग ने इससे पहले यानी 2020 तक चीन में व्यापक रूप से एक ऐसे खुशहाल समाज की स्थापना की बात की है जहां कोई भी गरीब नहीं होगा। इसी तरह से साल 2035 तक वे चीन को विश्व सैन्य शक्ति के रूप में देखना चाहते हैं और साल 2050 तक चीन को पूर्णरूप से विकसित बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

(लेखक : अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप में पत्रकार हैं। साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

-- आईएएनएस

Created On :   4 July 2020 7:00 PM GMT

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