हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा केस: आज सोमवार को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई छठी पेशी, अब 18 अगस्त को होगी अगली सुनवाई, पिता ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र

आज सोमवार को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई छठी पेशी, अब 18 अगस्त को होगी अगली सुनवाई, पिता ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र
  • देशद्रोह की धारा हटानी चाहिए
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 20 आत्म-दोषारोपण से बचाता है
  • 9 दिन के रिमांड में पुलिस देशद्रोह संबंधी कोई सबूत नहीं जुटा पाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की आज सोमवार को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठी पेशी हुई। अदालत ने सुनवाई करते हुए ज्योति की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी है। अब अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी। ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक मार्मिक चिट्‌ठी लिखते हुए एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई है।

पिता ने पत्र के आखिर में रखी ये दो मांगें

पिता ने पत्र में कहा है कि बतौर ट्रैवल ब्लॉगर मेरी बेटी ने पाकिस्तान यात्रा के जो वीडियो बनाए हैं, वे सामान्य ब्लॉग की तरह ही है और उनमें कुछ भी ऐसी कोई आपत्तिजनक बातें नहीं है। फिर भी एजेंसी यदि कोई वीडियो हटाने के लिए कहती है तो उनको मेरी बेटी अपने ब्लॉग से हटा देंगी, इसकी गारंटी मैं खुद दे रहा हूं।

ज्योति के पिता ने पत्र में कहा है कि मेरी बेटी अपनी पूरी जिंदगी में पाकिस्तान नहीं जाएगी और ना ही इस बारे में सोचेगी। इसलिए मेरी बेटी के खिलाफ दर्ज की गई यह एफआईआर निरस्त करवाकर मुझे व मेरी बेटी को त्वरित न्याय दिलाने का कष्ट करें अन्यथा मेरी व मेरी बेटी की जिंदगी जो पुलिस ने झूठी एफआईआर ने खराब कर दी है, उससे उबरना हर किसी के बस की बात नहीं है। अब मुझे आपसे ही न्याय की उम्मीद है।

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार है। यूट्यूबर के पिता ने पुलिस की कार्रवाई पर 4 सवाल उठाते हुए कहा कि मेरी बेटी से पुलिस ने कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराकर खुद ही बयान लिख लिए। यूट्यूबर के पिता ने आगे लिखा है पुलिस ने देशद्रोह की जो धारा लगाई है, उससे संबंधित एक भी सबूत पुलिस जुटा नहीं पाई हैं। बेटी को बेगुनाह बताते हुए पिता ने कहा कि उसकी बेटी अब कभी भी पाकिस्तान नहीं जाएगी, मैं इसकी गारंटी लेता हूं। उन्होंने हरियाणा के सीएम नायब सैनी, राज्यपाल और गृहमंत्री को भी चिट्‌ठी लिखी है।

आपको बता दें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत जासूसी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गोपनीय जानकारी साझा करने जैसे गंभीर आरोपों में पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पहले उसे 5 दिन की पुलिस कस्टड़ी में लिया, रिमांड को फिर 4 दिन और बढ़ाया गया, जिसके बाद कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 हमें आत्म-दोषारोपण से बचाता है, जिसके तहत पुलिस किसी भी नागरिक को उसके खुद के खिलाफ गवाह नहीं बना सकती। इस केस में ज्योति के खिलाफ दर्ज एफआईआर में मेरी बेटी को ही उसके खिलाफ गवाह बनाया हुआ है। इसलिए यह एफआईआर असंवैधानिक है। पिता का कहना है कि जांच के दौरान मेरी बेटी के किसी भी संवेदनशील, सैन्य और रणनीति जानकारी तक पहुंच नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट की धाराओं के आरोप भी मेरी बेटी के खिलाफ उचित नहीं है। देशद्रोह की धारा डिलीट होनी चाहिए।

पुलिस की एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 जोड़ी कई है। इस धारा के तहत मेरी बेटी के खिलाफ देशद्रोह का कोई आरोप नहीं लगाया है। 9 दिन के रिमांड के दौरान भी इस तरह के कोई सबूत मेरी बेटी के खिलाफ नहीं मिले हैं, ऐसे में यह धारा मेरी बेटी के केस से डिलीट होनी चाहिए।

Created On :   4 Aug 2025 5:52 PM IST

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