कोरोना ने पकड़ी रफ्तार: देश में 7 महीने बाद एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज आए सामने, केरल में मिला कोविड का नया सब वेरिएंट, जानिए WHO ने बताया कितना है खतरनाक?

देश में 7 महीने बाद एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज आए सामने, केरल में मिला कोविड का नया सब वेरिएंट, जानिए WHO ने बताया कितना है खतरनाक?
  • कोरोना केस में दिन ब दिन बढ़ोतरी
  • एक दिन में 600 से ज्यादा नए मामले

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड-19 एक बार फिर तेजी से अपना पांव पसार रहा है। जिसकी वजह से लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता दिख रही है। देश के अलग-अलग राज्यों से कोरोना के नए रिपोर्ट दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच दक्षिण राज्य केरल से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, प्रदेश में कोविड के नए सब-वेरिएंट जेएन1 की पहचान हुई है। जिसकी वजह से सुरक्षा एजेंसियां भी चौंक गई हैं। नए सब-वेरिएंट के सामने आने के बाद से ही डॉक्टर्स इसके बारे में सबको जागरुक कर रहे हैं।

भारत के केरल में मिले नए सब-वेरिएंट जेएन1 अमेरिका में भी तेजी से अपना पांव पसार रहा है। विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कोविड के इस नए सब-वेरिएंट के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। डॉक्टर इसके खतरनाक रूप, सक्रमंण दर, इससे बचाव का उपाय जैसे तमाम पहलुओं पर जानकारी दे रहे हैं।

क्या है जेएन1?

दरअसल, जेएन1 कोविड वायरस 2022 में वैश्विक कोविड प्रसार के लिए जिम्मेदार ओमिक्रोन वेरिएंट का सब-वेरिएंट हैं। इसकी संक्रमण दर ओमिक्रोन से अधिक है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वेरिएंट उतना ही खतरनाक साबित हो सकता है जितना कि ओमिक्रोन वेरिएंट था। कोविड पर अच्छे से गहन करने वाले विशेषज्ञों की मानें तो इसके बचाव के लिए जिस वैक्सीन का पहले इस्तेमाल किया गया था उसका उपयोग कर सकते हैं।

मई के बाद सबसे ज्यादा केस

तीन राज्यों में नए सब-वेरिएंट के मामले आने के साथ कोविड-19 संक्रमण के 614 नए मामले सामने आ चुके हैं, जो 21 मई के बाद एक दिन में सबसे ज्यादे आंकड़े हैं। नए वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इससे लड़ने के लिए हमारे पास उपचार है। उन्होंने नए वायरस को लेकर कहा कि संक्रमण हल्का है और सभी वायरस में बदलाव होता रहता है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कितना है खतरनाक?

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 'वीओआई' का आशय ऐसे स्वरूप से है जिसमें आनुवंशिक परिवर्तन होते रहते हैं जो इसकी संक्रामकता, गंभीरता और टीकों से बचने की क्षमता को बढ़ता है। डब्ल्यूएचओ ने आगे बताया कि अभी तक जेएन.1 को लेकर जीतनी भी रिपोर्ट सामने आई हैं उसमें किसी तरह की गंभीर स्थिति का जिक्र नहीं किया गया है इसलिए घबराने की बात नहीं है हालांकि, सतर्क रहने की बेहद ही जरूरत है।

Created On :   21 Dec 2023 5:04 AM GMT

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