आर्थिक संबंध पर फोकस: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया

- आर्थिक संबंध बेहतर करने की मांग
- रणनीतिक साझेदारी में व्यापार, निवेश अहम घटक
- अमेरिका के टैरिफ के बाद भारत और रूस के संबंध और अधिक मजबूत हुए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर ट्रैरिफ लगाने के बाद भारत और रूस के संबंध और अधिक मजबूत हुए है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ व्यापार बढ़ाने पर और अधिक जोर दिया। जयशंकर ने भारत में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि भारत में विदेशी कंपनियों के लिए काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने गहराई से जुड़ने की भीअपील की। विदेश मंत्री ने भारत सरकार की मेक इन इंडिया जैसी पहल का भी उदाहरण दिया।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के संबंध सबसे स्थिर रहे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग में बहुत ज्यादा सहयोग नहीं हुआ। हाल के वर्षों में इसमें तेजी आई है, लेकिन साथ ही व्यापार घाटा भी बढ़ा है। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार में और विविधता लाने और संतुलन बनाने की जरूरत पर बल दिया
जयशंकर ने विकास को बढ़ावा देने और तेजी से आगे बढ़ने के लिए निवेश, संयुक्त उद्यम और अन्य सहयोग की इच्छा जाहिर की। रूस के साथ भारत के व्यापार को लेकर जयशंकर ने कहा यह एक स्थायी रणनीतिक साझेदारी में एक मजबूत और टिकाऊ आर्थिक घटक होना चाहिए।
आपको बता दें जयशंकर इन दिनों रूस दौरे पर हैं, उन्होंने रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात की। एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि भारत की जीडीपी 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है और 7 प्रतिशत की दर से विकास करने वाले भारत को विश्वसनीय स्त्रोतों से बड़े संसाधनों की आवश्यकता है। जिनमें उर्वरक, रसायन और मशीनरी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। भारत में तेजी से बढ़ता बुनियादी ढांचा उद्यमों के लिए बेहतर व्यवसायिक अवसर प्रदान करता है।
जयशंकर ने रूस के साथ व्यापार बढ़ाने की पहल ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। ट्रंप ने भारत पर यह टैरिफ रूस से तेल खरीदने के लिए लगाया गया है। ट्रंप टैरिफ के बाद भारत और रूस के संबंधों में फिर से गर्मजोशी देखी जा रही है।
Created On :   21 Aug 2025 10:37 AM IST