ब्राजील: ब्रिक्स नेताओं की वर्चुअल बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे

ब्रिक्स नेताओं की वर्चुअल बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे
  • 8 सिंतबर को आयोजित होगी ब्रिक्स नेताओं की वर्चुअल बैठक
  • ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा आयोजित मीटिंग
  • अगले वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने की तैयारी में भारत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 सिंतबर को आयोजित ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल बैठक में शामिल होंगे। ये सम्मेलन ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ब्रिक्स मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे। ब्राजील ने अभी तक उन अन्य नेताओं के नामों की घोषणा नहीं की है जो इसमें शामिल होंगे। ब्रिक्स नेताओं के इस सम्मेलन का मकसद ट्रंप के टैरिफ से निपटने के तरीकों और बहुलतावाद को बढ़ावा देने के प्रयासों पर चर्चा करना होगा। सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया जा सकता है। भारत अगले वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने की तैयारी में है।

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने बीते दिन शुक्रवार को ब्रिक्स में भारत की भागीदारी और भूमिका को लेकर कहा, भारत को या तो डॉलर और अमेरिका का समर्थन करना होगा, या 50 फीसदी टैरिफ चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए। ध्यान रखने की बात यह है कि ब्रिक्स के भीतर ,भारत ने सदैव डी-डॉलराइजेशन के विचार को पुरजोर तरीके से खारिज किया है और कहा है कि यह उसकी रणनीति का हिस्सा नहीं है। हालांकि ब्राजील इस मीटिंग को अमेरिका विरोधी शिखर सम्मेलन के रूप में प्रसारित नहीं कर रहा है।

विदेश मंत्रालय ने बीते दिन दोहराया कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते काफी मायने रखते हैं। वैश्विक स्तर पर दोनों देश मजबूत साझेदार हैं। इस साझेदारी ने कई बदलाव और चुनौतियों का सामना किया है। हम अपने मूल एजेंडे पर कायम हैं। उम्मीद है कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर रिश्ते आगे बढ़ते रहेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील और भारत दोनों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। लेकिन ब्राजील के मामले में ट्रंप का टैरिफ ट्रेड से ज़्यादा राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। ट्रंप ने अपने राजनीतिक सहयोगी, दक्षिणपंथी नेता और पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर मुकदमा चलाने के लिए ब्राजील पर निशाना साधा है। जबकि ट्रंप ने भारत पर रूसी कच्चा तेल खरीदने के चलते टैरिफ लगाया है।

चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग , रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मित्रतापूर्ण बातचीत को देखते हुए कई जानकारों का मानना है कि ट्रंप अपनी गलत व्यापार व टैरिफ नीति से भारत को चीन की ओर धकेल रहे हैं।

पीएम मोदी का ब्रिक्स आयोजन से दूरी को आगामी समय चीन में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी को वैलेंस करने के प्रयास में पेश किया जा सकता है। जिससे वाशिंगटन के साथ ट्रेड संकट के बीच भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता की पहचान के रूप में देखा गया था।

Created On :   6 Sept 2025 2:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story