गन्ना किसान को फायदा: केंद्र सरकार ने गन्ना खरीदी को 25 रुपए बढ़ाकर 340 रुपए क्विंटल किया, किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने गन्ना खरीदी को 25 रुपए बढ़ाकर 340 रुपए क्विंटल किया, किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार बड़ा फैसला
  • गन्ना खरीदी को 25 रुपए बढ़ाकर 340 रुपए क्विंटल किया,
  • किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार बड़ा ऐलान
  • दिल्ली कूच करने के लिए किसान तैयार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर किसान अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं। किसान दिल्ली कूच करना चाह रहे हैं। इस बीच देर रात केंद्र सरकार की ओर से प्रेस कॉन्फेंस की गई। इस दौरान सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गन्ना खरीदी में आठ फीसदी की बढ़ोत्तरी की जाएगी।

अनुराग ठाकुर ने कहा, "चीनी मिलों द्वारा किसानों को गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए आगामी गन्ना सीजन के लिए 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में मूल्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2024-25 के लिए मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया गया है, जो पिछले वर्ष 315 रुपये था, जो इस वर्ष बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।"

अनुराग ठाकुर ने कहा, "दूसरा निर्णय है कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत एक उप-योजना जो पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़ा है। इसमें एक बड़ा बदलाव लाने के लिए, हमारे भारवाही पशु जैसे ऊंट, घोड़ा, गधा, खच्चर की संख्या घट रही हैं। इसलिए पशुधन और मुर्गीपालन के उ्त्पादन में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन चलाया जा रहा है।"

इसके अलावा ठाकुर ने दावा किया कि 2019-20 में 75,854 करोड़ रुपये गन्ना किसानों को दिए गए हैं। वहीं, साल 2020-21 के दौरान उन्हें 93,011 करोड़ रुपये मिले हैं। 2021-22 में किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। ये सभी रकम सीधे किसानों के खाते में गए हैं। अंत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे किसान की आय दोगुनी करने को कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, ''दुनिया में खाद के दाम बढ़े, लेकिन हमने इसके बावजूद खाद के दाम किसानों के लिए नहीं बढ़ने दिए। तीन लाख करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी। यूपीए सरकार के दस साल में गेंहू, धान, दलहल और तिलहन पर साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये एमएसपी की खरीद पर खर्च हुआ। मोदी सरकार में 18 लाख 49 करोड़ रुपये खर्च हुआ।''

इधर, किसान संगठनों ने दो दिनों के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च को रोक दिया है। इस बात की घोषणा मजदूर संघर्ष समिति के प्रमुख किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को किया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हम खनौरी में हुई घटना पर चर्चा करेंगे। दिल्ली की ओर हमारे मार्च को दो दिन के लिए रोका जाएगा। हम बाद में पूरी स्थिति स्पष्ट करेंगे कि हमारा आगे का आंदोलन क्या होगा।"

इससे पहले केंद्र सरकार और किसान संगठन की चार दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इसके बुधवार को किसान संगठनों ने दिल्ली चलो प्रोटेस्ट को शुरू किया। केंद्र सरकार की ओर से तीन केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं के साथ अनुबंधन करने के बाद पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की फलसों को खरीदने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई। हालांकि, अब देखना होगा कि केंद्रीय मंत्री के गन्ना खरीदी पर किए गए ऐलान के बाद भी अपना आंदोलन जारी रखते हैं या फिर नहीं।

जानिए किसानों की मांग

किसानों की सबसे खास मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है।

किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो और उन्हें पेंशन दी जाए

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमत तय की जाए

भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो

किसान में आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार वालों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए

मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगे

लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों को सजा मिले

नकली बीज, कीटनाशक और खाद बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाए

बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए

मसाले वाली फसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए

Created On :   21 Feb 2024 5:26 PM GMT

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