कोर्ट में बवाल: वकील के सामने बवाल मचाने से क्या मिलती है सजा? जानें क्या कहता है भारत का कानून?

वकील के सामने बवाल मचाने से क्या मिलती है सजा? जानें क्या कहता है भारत का कानून?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज (6 अक्टूबर) को एक बड़ी घटना सामने आई है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की बेंच में एक वकील ने अचानक से आक्रोश में आकर बवाल शुरू कर दिया था। वकील ने गुस्से में आकर जूता निकालकर सीजेआई पर फेंकने की कोशिश की थी। इसके बाद से ही कोर्ट रूम में भारी हलचल मच गई थी। घटना के तुरंत बाद से ही सुरक्षा कर्मियों ने उस वकील को हिरासत में ले लिया और उसको कोर्ट रूम से भी बाहर निकाल दिया गया। ऐसे में चलिए जानते हैं कि अगर कोई कोर्ट रूम में हंगामा करता है तो उसको क्या सजा मिलती है।

वकील पर क्या आरोप लग रहा है?

आपको बता दें, ये घटना कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने की बात है। इसके बाद अब वकील पर हंगामा करने का आरोप लगा है तो अदालत की अवमानना की कार्रवाई उन पर की जाएगी।

क्या मिलेगी सजा?

भारत कानून ऐसे मामलों में बहुत ही सख्त और सटीक है। कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट्स एक्ट, 1971 के तहत अगर कोई भी व्यक्ति, कोर्ट की मर्यादा तोड़ता है तो या अपमानजनक व्यवहार करता है तो उसको सजा मिल सकती है। संविधान के आर्टिकल 129 के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट को ये अधिकार मिला है कि वे अपने अपमान से जुड़े मामलों पर खुद ही कार्रवाई कर सकता है।

कितने दिनों की हो सकती है सजा?

सजा के दिनों की बात करें तो, कोई भी व्यक्ति अदालत के अंदर हंगामा करता है या जज का अपमान करता है तो या जूता निकालकर मारने जैसी कोशिश करता है तो ये क्रिमिनल कंटेम्प्ट की कैटेगरी में आता है। ऐसे मामलों में जो भी दोषी होता है उसे 6 महीनों तक की साधारण कैद या 2 हजार रुपए तक का जुर्माना देना होता है। कुछ मामलों में तो दोनों ही सजा का पालन करना होता है। बता दें, अगर आरोपी अपनी गलती मानकर माफी मांग लेता है तो सजा कम भी हो सकती है।

Created On :   6 Oct 2025 3:44 PM IST

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