हिमाचल में आफत की बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 17 लोगों की मौत, दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब

हिमाचल में आफत की बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 17 लोगों की मौत, दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब
राज्य में 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें बंद

डिजिटल डेस्क, शिमला। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश की वजह से तबाही मच गई है। यहां लैंडस्लाइड और बाढ़ की वजह से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। कई मकान पुल और सड़कें जमीदोज हो चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, लैंडस्लाइड के चलते राज्य में 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें बंद हो चुकी हैं।

सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के लोगों से अगले 24 घंटे तक घरों में ही रहने की अपील की है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में प्रदेश में भारी बारिश होने आशंका जताई है। शिमला मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सोलन में रविवार को 135 मिमी बारिश हुई, जिससे 1971 में एक दिन में 105 मिमी बारिश का 50 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया, जबकि ऊना में 1993 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई।

राज्य के कई बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। इन टीमों द्वारा लोगों को बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

लगातार हो रही बारिश से हिमाचल में जल जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित मनाली, कुल्लू, सोलन और मंडी जिले हैं। यहां बाढ़ ने खूब तबाही मचाई। यहां बाढ़ की चपेट में आने से कई मकान, गाड़ियां और पुल बह गए। मनाली के आलू ग्राउंड में चार मंजिला होटल की बिल्डिंग ताश के पतों की तरह ढह गई। इसके अलावा राजधानी शिमला, बिलासपुर, सोलन और चंबा में भी मूसलाधार बारिश की वजह से भारी नुकसान हुआ है।

प्रदेश में हो रही रिकॉर्डतोड़ बारिश के कारण आई आपदा से लोगों को पीने को साफ पानी नहीं मिल पा रहा। जानकारी के मुताबिक, आसमान से बरसी इस आफत के चलते प्रदेश के 4686 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 785 पेयजल योजनाएं ठप्प हो गई हैं। जिससे आधे प्रदेश में लोगों को पीने के साफ पानी भी नही मिल पा रहा है। वहीं कई गांव और शहर में ब्लैक आउट है, यहां बीते 2 दिनों से बिजली गुल है। खराब मौसम की वजह से राज्य में रेल और हवाई से‌वाएं भी बंद हैं।

कई इलाके हुए जलमग्न

प्रदेश में बहने वाली ब्यास, पार्वती, सतलुज, रावी और तीर्थन नदी भारी बारिश और बादल फटने की वजह से उफान पर हैं। इनके कारण प्रदेश के ऊना, मंडी, चंबा, कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर और मनाली जिलों के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। मंडी जिला प्रशासन ने ब्यास नदी में बाढ़ के खतरे को देखते हुए 113 मकान खाली करा दिए हैं। सीएम सुखविंदर सुक्खू के मुताबिक, बीते तीन दिन से हो रही बारिश के कारण अब 3 से 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान प्रदेश को हो चुका है। उन्होंने बताया कि पिछले 50 साल में प्रदेश में ऐसी भयंकर बारिश नहीं हुई है।

दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब

दिल्ली में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण राजधानी के निचले इलाके में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। ताजा जानकारी के मुताबिक दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के काफी करीब 205.26 मीटर पुहंच चुका है। बता दें कि आज सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 203.33 मीटर और दोपहर को 204.63 मीटर दर्ज किया गया था।

Created On :   10 July 2023 12:06 PM GMT

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