Ramabhadracharya-Premananda controversy: प्रेमानंद महाराज पर विवादित बयान देने के बाद रामभद्राचार्य ने दी सफाई, कहा - 'मैंने कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की, अगर..'

- रामभद्राचार्य के प्रेमानंद महाराज पर दिये बयान को लेकर बढ़ा विवाद
- विवाद को बढ़ता देख स्वामी रामभद्राचार्य ने दी सफाई
- हिंदूओं को एकजुट रखने की कही बात
डिजिटल डेस्क, चित्रकूट। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की ओर से संत प्रेमानंद महाराज पर की गई टिप्पणी को लेकर संत समाज में नाराजगी देखने को मिल रही है। अब इस पर विवाद को बढ़ता देख स्वामी रामभद्राचार्य ने सफाई दी है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला गया और उनका किसी भी संत का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था।
मैंने कोई अपमानजकर टिप्पणी नहीं की
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपने बयान में कहा, "मैंने प्रेमानंद महाराज के प्रति किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है, वे मेरे पुत्र के समान हैं। मैंने केवल इतना कहा कि सभी को संस्कृत का अध्ययन करना चाहिए। आज कुछ लोग ऐसे हैं, जो बिना संस्कृत के ज्ञान के उपदेश देने का काम कर रहे हैं। मैंने अपने शिष्यों सहित सभी से कहा है कि प्रत्येक हिंदू को संस्कृत सीखनी चाहिए।" उन्होंने जोर देकर कहा कि संस्कृत और भारतीय संस्कृति देश के दो मजबूत स्तंभ हैं, जिन्हें संरक्षित करना हर हिंदू का कर्तव्य है।
रामभद्राचार्य ने कहा, "मैं आज भी स्वयं प्रतिदिन अठारह घंटे अध्ययन करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। मैंने कभी प्रेमानंद के प्रति अनादरपूर्ण व्यवहार नहीं किया और ना ही कोई ऐसे शब्द कहे हैं। हां मैनें ये कहा कि भारत के दो महान स्तंभ हैं संस्कृत और संस्कृति। भारतीय संस्कृति को समझने के लिए संस्कृत सीखना अत्यंत आवश्यक है। मैं किसी के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं। सभी संत मुझे प्रिय हैं और आगे भी रहेंगे।
प्रेमानंद महाराज को देंगे आर्शीवाद
जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा, "आज सनातन धर्म पर हमले हो रहे हैं, सभी हिंदुओं को मतभेद भुलाकर एकजुट होना चाहिए। हमने 500 साल की लड़ाई जीती, हमें राम मंदिर मिला और अब हमें श्री कृष्ण जन्मभूमि और काशी भी मिलेगी। मैंने प्रेमानंद पर कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की। मैं उनसे वरिष्ठ हूं एक विद्वान होने के नाते मैं सभी से संस्कृत पढ़ने को कहता हूं। मैं हर हिंदू से संस्कृत पढ़ने को कहना चाहता हूं। सभी संत मुझे प्रिय हैं, कुछ ताकतें चीजों को गलत पेश करती हैं, हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। अगर प्रेमानंद मुझसे मिलने आएंगे, तो मैं उन्हें गले लगाऊंगा।"
दरअसल एक पॉडकास्ट के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज को चुनौती देते हुए कहा, "चमत्कार अगर है, तो मैं चैलेंज करता हूं प्रेमानंद जी एक अक्षर मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखा दें, या मेरे कहे हुए संस्कृत श्लोकों का अर्थ समझा दें।"
Created On :   26 Aug 2025 3:06 AM IST