चुनावी साल और अंतरिम बजट: जानिए चुनावी साल में बजट लाने से पहले सरकार के सामने क्या रहती है चुनौतियां?

जानिए चुनावी साल में बजट लाने से पहले सरकार के सामने क्या रहती है चुनौतियां?
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 112
  • आर्टिकल 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण की चर्चा
  • बजट प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की अनुशंसा जरूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2024 वह साल है जब देश में आमचुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार के सामने 2024-25 का बजट पेश करना एक बड़ी चुनौती है। इस बजट को पेश करने के लिए एक बड़ी मशीनरी इसमें हिस्सा लेती है। जहां खर्चों का आकलन करना,आय का अनुमान जैसी तमाम प्रक्रिया शामिल है। बजट को संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है। कुछ महीनों बाद देश में आमचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अभी 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। मई में होने वाले आम चुनाव में निर्वाचित होकर सत्तारूढ़ दल की सरकार संपूर्ण बजट पेश करेगी। मगर यह प्रक्रिया इतनी भी आसान नहीं होती इसके लिए वित्त मंत्रालय को सर्वे कराना होता है साथ ही राज्यों के साथ बड़ी - बड़ी बैठक करनी होती है।

भारत में राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि पर संसद में बजट प्रस्तुत किया जाता है। वित्त मंत्री का बजट भाषण सामान्यतः दो भागों में होता है। भाग "क" देश के सामान्य आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में है जबकि भाग "ख" कराधान प्रस्तावों से संबंधित है। लोक सभा में सामान्य बजट वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। वह बजट को प्रस्तुत करते हुए भाषण देता है और अपने भाषण के अंतिम भाग में ही उनके द्वारा नए कराधान के प्रस्तावों या मौजूदा करों में परिवर्तनों के बारे में बताया जाता है। लोक सभा में वित्त मंत्री के भाषण की समाप्ति पर "वार्षिक वित्तीय विवरण " राज्य सभा के पटल पर रखा जाता है।

बजट का लेखा-जोखा

भारतीय संविधान में बजट शब्द का प्रयोग कहीं नहीं होता है। बजट शब्द की जगह अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण लिखा गया है। जिसके अनुसार राष्ट्रपति को बजट का लेखा-जोखा देश के सामने रखना होता है। राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है की वह वित्त मंत्री को या अगर वह उपलब्ध न हैं तो किसी और को भी बजट पेश करने के लिए कहते हैं। 2019 में देश के तत्कालीन वित्त मंत्री की मृत्यु होने की स्थिति में तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था। वहीं इस वर्ष सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने जा रही है।

क्या होता है अंतरिम बजट ?

यह बजट चुनावी वर्ष के दौरान भारत सरकार द्वारा पेश किया जाता है। यह एक छोटी अवधी के लिए खर्च और कमाई का ब्योरा होता है। 2024 चुनावी साल है। ऐसे में सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी, चुनाव के बाद निर्वाचित नई सरकार आने पर सालभर का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।

कैसे तैयार होता देश है बजट?

बजट पेश करने से पहले सरकार एक इकोनॉमिक सर्वे पेश करती है। इस सर्वे में पिछले सरकार के आय और व्यय के बारे में बताया जाता है। इसके साथ ही आने वाले नए वित्त वर्ष के बजट बारे में सरकार को यह बताना होता है। की आने वाले साल में कहां से कमाई होगी, खर्च कहा होगा, नई योजनाएं कौन सी होंगी ? इसके साथ यह अनुमान लगाया जाता है। उसे डायरेक्ट टैक्स, इनडायरेक्ट टैक्स, रेलवे समेत अन्य मंत्रालयों कुल कितनी कमाई हो सकती। वित्त मंत्रालय किसानों, व्यापारियों, सिविल सोसायटी और अर्थशास्त्रियों से भी चर्चा होती है। जिससे उन्हे बजट को बनाने का नया नजरिया मिलता है।

सभी मंत्रालयों से होती है मीटिंग

सर्वे पेश करने के बाद वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग सभी मंत्रालयों, संस्थानों, सैन्य बलों और विभागों के साथ मीटिंग करती है। जिसमें उन्हें एक एस्टिमेट तैयार करने को कहा जाता है। जिसके बाद उनके खर्च के बारे में भी जाना जाता है। बजट बनाने के लिए वित्त मंत्री प्रधानमंत्री की भी सलाह लेता है।

वित्त मंत्रालय को बाहरी दुनिया से रहना होता है अलग

बजट बनाने की प्रक्रिया को गुप्त रखा जाता है। प्रक्रिया के दौरान जो भी व्यक्ति इसमें शामिल होता है। उसे कहीं भी बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है। अगर बजट बनाने में 1 महीने का वक्त लगता है। तो अधिकारियों को पूरे प्रक्रिया में वहीं रहना होता है जहां बजट बनाया जा रहा है। बजट पेश करने के दौरान बजट पर भाषण होता है। जिसे वित्त मंत्री मंत्रालय ही तैयार करता है।

अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट करना - हलवा सेरेमनी

बजट तैयार करने के बाद एक आयोजन किया जाता है। जिसे हलवा सेरेमनी कहते हैं। इस आयोजन में वह अधिकारी शामिल होते हैं। जिन्होने अपने परिवारों से दूर रहकर बजट तौयार करने की पूरी प्रक्रिया को सफल बनाया है। यह सेरेमनी उनके प्रति आभार प्रकट करने के लिए होती है।

Created On :   29 Jan 2024 2:13 PM GMT

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