MP News: अर्चना ने इटारसी स्टेशन पर ट्रैन में बदले कपड़े, साड़ी पहनी, घूंघट में उतरी, तेजेंदर ने स्टेशन से बाहर निकाला और सारांश ने पहुंचाया काठमांडू

अर्चना ने इटारसी स्टेशन पर ट्रैन में बदले कपड़े, साड़ी पहनी, घूंघट में उतरी, तेजेंदर ने स्टेशन से बाहर निकाला और सारांश ने पहुंचाया काठमांडू
  • खुद को मृत साबित करने बुधनी के मिडघाट पर फेंके कपड़े
  • शादी के दबाव से थी नाराज

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से 7 अगस्त को इंदौर से कटनी रक्षाबंधन के लिए निकली अर्चना तिवारी ने फिल्मी कहानी गढ़ी। बुधवार को अर्चना को जीआरपी भोपाल काठमांडू से भोपाल लेकर आई। जीआरजी ने जो बताया वह फिल्म की कहानी जैसा है। जीआरपी ने 14 दिन तक तलाशी की। 400 से अिधक सीसीटीवी फुटेज देखे, लेकिन सुराग नहीं मिला। दरअसल, अर्चना ने इटारसी रेलवे स्टेशन पर ट्रैन में ही कपड़े बदले और साड़ी पहनकर घूंघट में बाहर निकली ताकि पहचान छिपी रहे। स्टेशन के बाहर निकालने में तेजेंदर ने मदद की। रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना को नेपाल बॉर्डर धनगढ़ी जिला लखीमपुर उत्तरप्रदेश से बरामद किया है। अर्चना के घरवाले शादी का दबाव बना रहे थे। इससे परेशान होकर खुद को गुमशुदा होने का प्लान बनाया। इसमें अर्चना के दोस्त सारांश जोकचंद और तेजेंदर ने सहायता की। सारांश इंदौर का रहने वाला है। ड्रोन कंपनी चलाता है और कंपनी के कानूनी मसले को लेकर वह अर्चना का क्लाइंट रहा। अर्चना खुद को मृत बताकर सपना नाम से अन्यत्र रहना चाहती थी। सपना उसके घर का नाम है।

प्लान में अर्चना ने लिया दो लोगों का सहयोग

पंजाब निवासी तेजेंदर (हाल मुकाम इटारसी) कैब ड्राइवर है और अर्चना को लाता-ले-जाता था। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बाद अर्चना ने मोबाइल फ्लाइट मोड में डाल दिया। इटारसी में अर्चना उतरी तो तेजेंदर स्टेशन के बाहर मिला। इटारसी स्टेशन पर अर्चना A 2 कोच से निकली जबकि उसका रिजर्वेशन B 3 में था। जिस जगह सीसीटीवी नहीं है, वहां उतरने के बारे में तेजेंदर जानकारी दी। प्लान के तहत सारांश भी इटारसी पहुंचा। यहां से सारांश के साथ अर्चना शुजालपुर पहुंची। बिना टोल वाले मार्गों का उपयोग किया। अर्चना, शुजालपुर से इंदौर होते हुए हैदराबाद पहुंची। वहां से 11 अगस्त को सारांश के साथ दिल्ली पहंुची। दिल्ली से टैक्सी के जरिए नेपाल के धनगुड़ी और फिर काठमांडू पहुंची। यहां सारांश के परिचित वायपी देवकोटा ने उसे होटल में रुकवाया। 15 अगस्त को सारांश इंदौर आ गया। जीआरपी के अनुसार अर्चना ने उसके साथ कोई भी गलत काम होने से इंकार किया है। सारांश और तेजेंदर को दोस्त होने के नाते सहायता करना बताया है। एसपी लोढ़ा ने कहा कि अर्चना पर कोई क्रिमिनल केस नहीं बनता है।

ऐसे सुलझाई रेलवे ने गुत्थी

अर्चना ने अपना फोन रानी कमलापति स्टेशन पर फ्लाइट मोड पर कर लिया, जिसे घर वालों ने बंद माना। इसके आधार पर रानी कमलापति से गायब होने की आशंका जताई गई। बुधनी के जंगल और नर्मदा नदी में भी खोज की गई। रेलवे पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर तेजेंदर को पकड़ना चाह, लेकिन दिल्ली पुलिस उसे अन्य मामले में पकड़ कर ले गई।

कॉल डिटेल के आधार पर जीआरपी तेजेंदर के घर पहुंची थी। निरीक्षक जहीर खान ने दिल्ली जाकर तेजेंदर से पूछताछ की तो वह रटे रटाए जवाब देने लगा। फिर तेजेंदर को बताया कि अर्चना का मर्डर करके उसे कहां फेंका। इस पर तेजेंदर ने सही जानकारी दी और बताया कि सारांश को अर्चना के बारे में जानकारी है। पुलिस ने सारांश से पूछताछ की, जिसके आधर पर अर्चना का पता चला।

खुद को मृत बताना चाहती थी

अर्चना का परिवार चाहता था अर्चना शादी कर ले। उसके लिए पटवारी लड़का भी देख लिया था। लेकिन अर्चना सिविल जज बनना चाह रही थी। जब उसको घरवालों ने मजबूर किया तो उसने मानसिक रूप से रंग आकर गायब होने का प्लान बनाया। जो कपड़े उसने पहन रखे थे उन्हें मिडघाट पर फेंके। ताकि लोग उसे मरा या गुम मान ले।

अर्चना की प्लानिंग में इन्होंने ऐसे निभाई भूमिका

सारांश- इटारसी से काठमांडू तक पहुंचाने तक मदद की।

वायपी देवेकोटा- सारांश का परिचित देवेकोटा ने अर्चना को काठमांडू में ठहराया।

तेजेंदर सिंह- टैक्सी ड्राइवर है। इसने इटारसी स्टेशन से अर्चना को बाहर निकाला और सारांश तक पहुंचाया।

राम तोमर- अर्चना का परिचित और ग्वालियर में पुलिस कर्मी है। जीआरपी के अनुसार राम तोमर के लगातार फोन और मैसेज करने से अर्चना तंग आ चुकी थी। सीडीआर में राम तोमर का नंबर मिलने पर पूछताछ भी की।

अर्चना ने पुलिस को बयान दिया कि इनमें से उसका कोई भी व्यक्ति प्रेमी नहीं है। प्रेम प्रसंग भी नहीं रहा, लेकिन वह परिजनों के दबाव में आकर शादी नहीं करना चाहती थी।

Created On :   21 Aug 2025 10:03 AM IST

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