सिख दंगा: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद, 31 दिसंबर तक करना होगा सरेंडर
- कोर्ट ने 29 अक्टूबर को सुरक्षित रख लिया था फैसला
- पांच सिखों की हत्या करने के मामले में ठहराया दोषी
- सज्जन कुमार के साथ 6 अन्य को भी मिली सजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई दिल्ली। सिख विरोधी दंगों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर दिए गए फैसले को पलट दिया है। उन्हें उम्रकैद की सजा हुई है। कोर्ट ने सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कांग्रेस नेता कुमार पर 5 लाख रुपए का जुर्मान भी लगाया है। दंगे के बाकि दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
सजा सुनाते हुए हाईकोर्ट के जज रो पड़े, उन्होंने कहा कि दंगा पीड़ित कई दशकों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में अब तक कुछ नहीं होना जांच एजेंसियों की नाकामी है। बता दें कि ये फैसला दिल्ली के छावनी नगर में 1 नवंबर 1984 को हुई 5 सिखों की हत्या के मामले में आया है। बाकी लोगों को पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है। दंगा पीड़ित, सीबीआई और दोषियों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई ने इस मामले में सज्जन कुमार के अलावा 5 अन्य लोगों को दोषी ठहराया था। निचली अदालत ने 2013 में पांच लोगों को दंगे का दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी, जबकि सज्जन कुमार को बरी कर दिया गया था। इसके बाद पीड़ितों और सीबीआई ने सज्जन कुमार को रिहा करने के खिलाफ उच्च न्यायलय में याचिका लगाई थी।
कोर्ट फैसला आने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि ये बड़ी विडंबना है कि फैसला उस दिन आया है, जब कांग्रेस उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री की शपथ दिला रही है, जिसे सिख समाज दंगों का दूसरा आरोपी मानता है। इसका जवाब देते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अरुण जेटली जी आप से यह उम्मीद नहीं थी। कमल नाथ जी पर ना तो इस प्रकरण में कोई FIR है ना charge sheet है ना किसी अदालत में कोई प्रकरण है। 91से केंद्र में मंत्री रहे तब आपको कोई आपत्ति नहीं थी अब आप को क्या हो गया?
Delhi High Court while reading the judgement, "In the summer of 1947, during partition, several people were massacred. 37 years later Delhi was the witness of a similar tragedy. The accused enjoyed political patronage and escaped trial." https://t.co/ncS7uCAF0K
— ANI (@ANI) December 17, 2018
Created On :   17 Dec 2018 10:44 AM IST