केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा, मैदान में उतरी 20 महिला पत्रकार
- 20 महिला पत्रकारों ने राष्ट्रपति को खत लिखकर जताया विरोध
- केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा
- केंद्रीय मंत्री को पद से हटाने की मांग की थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अकबर पर MeToo के तहत पत्रकार प्रिया रमानी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। फिलहाल रमानी को कई महिला पत्रकारों का समर्थन मिल गया है। अकबर के खिलाफ 20 महिला पत्रकार मैदान में उतर आई हैं। इसमें 19 महिला पत्रकार "द एशियन एज" अखबार में काम कर चुकी हैं। महिला पत्रकारों के एक पैनल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोंवित को पत्र लिखकर MJ अकबर को बर्खास्त करने की मांग की थी। इन महिला पत्रकारों ने ऐलान किया है कि वो प्रिया रमानी के समर्थन में हैं। महिला पत्रकारों ने कोर्ट से उनकी गवाही सुनने का आग्रह किया है।
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
एमजे अखबर ने कहा, "मैंने तय किया है कि न्याय के लिए कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ूंगा, इसीलिए ये बेहतर है कि मैं अपने पद से इस्तीफा दूं और मुझ पर लगे आरोपों को झूठा साबिक करूं। मैंने केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का शुक्र गुजार हूं की उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।
बता दें कि एमजे अकबर ने अपने ऊपर आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी पर 97 वकीलों की फौज लेकर मानहानि का दावा पहले ही ठोक दिया है। इस मामले की सुनवाई कल गुरुवार को होनी है। कोर्ट में किसी भी तरह की किरकिरी से बचने के लिए उन्होंने एक दिन पहले ही अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
संयुक्त बयान में महिला पत्रकारों ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लड़ाई में प्रिया रमानी अकेली नहीं हैं। हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही अदालत से आग्रह करते हैं कि हमारी गवाही पर भी गौर किया जाए। केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपित कोविंद को खत लिखा था। पत्र में महिला पत्रकारों ने कहा कि अकबर के केंद्रीय मंत्री बने रहने से हम बेहद चिंतित हैं। इससे किसी कथित कुकर्मी की स्वतंत्र और विष्पक्ष जांच पर प्रभाव पड़ सकता है।
इन 20 महिला पत्रकारों ने किया समर्थन
एशियन एज अखबार में 1993 से 1996 तक काम करने वाली मीनल बघेल, 1993 से 1998 तक काम करने वाली मनीषा पांडे, 1993 से 2000 के बीच काम करने वाली तुषिता पटेल, 1995 से 1998 तक काम करने वाली कनिका गहलोत, 1993 से 1998 तक काम करने वाली सुपर्णा शर्मा, 1994 से 1995 तक काम करने वाली रमोला तलवार बादाम, 1995 से 1997 तक काम करने वाली कनिजा गजारी, 1995 से 1998 के बीच काम करने वाली मालविका बनर्जी, 1995 से 1996 के बीच काम करने वाली एटी जयंती, 1996 से 1999 तक काम करने वाली हमीदा पारकर, 1996 से 2000 तक काम करने वाली मीनाक्षी कुमार, 1999 से 2000 के बीच काम करने वाली सुजाता दत्ता, 1999 से 2000 के बीच काम करने वाली हाईहनू हउजेल, 1996 से 1998 तक काम करने वाली रेशमी चक्रवर्ती, 1993 से 1997 तक काम करने वाली कुशलरानी गुलाब, 1995 से 1998 तक काम करने वाली आइशा खान, 1993 से 1996 तक काम करने वाली किरण मनराल, जोनाली बुरागोहेन, संजारी चटर्जी और डेक्कन क्रॉनिकल में 2004 से 2011 तक काम करने वाली क्रिस्टियाना फ्रांसिस प्रिया रमानी के सपोर्ट में सामने आई हैं।
16 महिला पत्रकार लगा चुकी हैं आरोप
पत्रकार तुषिता अग्रवाल ने MeToo के तहत एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री अकबर पर आरोप लगाने वाली तुषिता 16वीं महिला पत्रकार हैं। इससे पहले 15 और महिला पत्रकार अकबर पर आरोप लगा चुकी हैं। तुषिता ने कहा कि अकबर ने उन्हें घर पर बुलाकर कई बार किस किया। इतना ही नहीं तुषिता को घर पर बुलाकर अकबर ने अंडरवियर में गेट खोला था। तुषिता ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह घटना 1992 की है। तुषिता ने कहा, "मैं उस वक्त टेलिग्राफ अखबार में ट्रेनिंग कर रही थी। अकबर तब पत्रकारिता छोड़ चुके थे और राजनीति जॉइन की थी। इसके बाद अकबर किसी पॉलिटिकल टूर पर कोलकाता आए थे। मेरे सभी कलीग उनसे मिलने जा रहे थे। उन्होंने मुझे भी चलने के लिए कहा और मैं भी अपने कलीग के साथ उनसे मिलने गई। तुषिता ने कहा, "इसके बाद वह मुझे कॉल कर अकेले घर पर बुलाने लगे। मैंने हर बार मना कर दिया। कई बार मना करने के बाद एक दिन मैंने उनसे मिलने का निर्णय लिया। जब मैं उनके होटल पहुंची, तो उन्होंने अंडरवियर में दरवाजा खोला। मुझे अजीब लगा और मैं डर गई। उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा और डरते हुए मैं अंदर गई। इसके बाद अकबर बाथरोब पहनकर बाहर निकले। क्या किसी 22 साल की लड़की का इस प्रकार स्वागत किया जाता है?
Created On :   17 Oct 2018 11:31 AM IST