GST की 42वीं बैठक: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया ऐलान- आज रात राज्यों को दिए जाएगा 20 हजार करोड़ रुपए का कम्पेनसेशन सेस

GST की 42वीं बैठक: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया ऐलान- आज रात राज्यों को दिए जाएगा 20 हजार करोड़ रुपए का कम्पेनसेशन सेस
हाईलाइट
  • कम्पेनसेशन सेस को 2022 के बाद जारी रहेगा
  • गैर-बीजेपी शासित राज्य केंद्र के प्रस्ताव से असहमत
  • बैठक में केंद्र के प्रस्ताव से 20 राज्य सहमत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज (सोमवार, 5 अक्टूबर) वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की 42वीं बैठक हुई। इसमें कम्पेनसेशन सेस को लेकर एक अहम निर्णय लिया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस साल कम्पेनसेशन सेस 20,000 करोड़ रुपए इकट्ठा हुआ है, जो आज रात राज्यों को वितरित कर दिया जाएगा। वहीं जो 24 हजार करोड़ का IGST पहले इकट्ठा हुआ था, वो अगले हफ्ते के अंत तक राज्यों को दे दिया जाएगा।  

उन्होंने कहा कि बैठक में केंद्र के प्रस्ताव से 20 राज्य सहमत थे, लेकिन कुछ राज्यों ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। एक तरह से बैठक में जीएसटी मुआवजा का मुद्दा सुलझ नहीं पाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आगे बैठक में फिर अनसुलझे मुद्दों पर बात होगी।

कोरोना संकट की वजह से ऐसी स्थिति
वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम राज्‍यों को मुआवजे की राशि से इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। ऐसी स्थिति की पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी। मौजूदा हालात इस तरह का नहीं है कि केंद्र सरकार फंड पर कब्‍जा करके बैठी है, और देने से इनकार कर रही है। फंड उधार लेना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के वित्‍त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया है कि उधार लेने के विकल्‍प पर सभी को फिर से मिलकर बात करनी चाहिए। इसलिए 12 अक्‍टूबर को फिर मिलेंगे और इस समस्या पर बातचीत होगी। 

कम्पनसेशन सेस आगे भी जारी
वहीं बैठक में यह तय हुआ है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पनसेशन सेस को 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। यानी कार, सिगरेट जैसे प्रोडक्ट पर कम्पनसेशन सेस आगे भी लगता रहेगा, राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नियम के मुताबिक यह जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पांच साल तक लगना था।

छोटे करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत 
वहीं वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि पहली जनवरी से करदाता जिनका वार्षिक टर्न ओवर 5 करोड़ रुपए से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न यानी जीएसटीआर 3 बी और जीएसटीआर-1 दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। वे केवल तिमाही रिटर्न दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि मासिक आधार के बजाय तिमाही आधार पर छोटे करदाताओं के लिए रिटर्न बनाने का जीएसटी परिषद का निर्णय छोटे करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी।
 


 

 

Created On :   5 Oct 2020 3:35 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story