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गौ संरक्षण में लापरवाही पर डीएम सहित 5 अधिकारी नपे

लखनऊ, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। गौ संरक्षण और संवर्धन के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महराजगंज के जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
गौ संरक्षण और संवर्धन में लापरवाही के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने महराजगंज के जिलाधिकारी (डीएम) अमरनाथ उपाध्याय, उप जिला अधिकारी (एसडीएम)- देवेंद्र कुमार और सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु अधिकारी राजीव उपाध्याय और मुख्य उप पशु चिकित्सा अधिकारी वी. के. मौर्या को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
प्रदेश के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने बताया, महराजगंज जिले के मधुबलिया गो सदन में गोवंश के रखरखाव में अनियमितता मिलने पर जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारी निलंबित किए गए हैं।
तिवारी ने बताया, जांच में पता चला कि अभिलेखों के अनुसार यहां पर 2500 गोवंश होने चाहिए थे। निरीक्षण में मात्र 900 पाए गए। यह कमी गम्भीर अनियमितता और शिथिलता है।
उन्होंने बताया, अपर आयुक्त गोरखपुर की जांच समिति ने पाया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी वजह स्पष्ट नहीं की। इससे यह लगता है कि संख्या जानबूझकर अधिक बताई गई। संख्या कम होने के बावजूद चारे या अन्य व्यय में कोई कमी नहीं थी। अभिलेख भी सही नहीं पाया गया। 500 एकड़ जमीन का पशुपालन विभाग का कब्जा था, जबकि समिति ने गैर कानूनी ढंग से 380 एकड़ जमीन निजी व्यक्ति को लीज पर दे दी। इसकी न किसी से अनुमति ली गई और न ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।