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प्रसाद बोले हम 5जी स्पेक्ट्रम परीक्षण के लिए तैयार, सभी ऑपरेटर भाग ले सकते हैं
हाईलाइट
- 5जी में 10 गीगाबिट प्रति सेकंड की रफ्तार से ट्रांसफर होता है डाटा
- भारत में 5जी कनेक्शन 2022 से उपलब्ध होने की संभावना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अब भारत में जल्द ही इंटरनेट 5G की स्पीड से दौड़ेगा। इसके संकेत दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिए हैं। केंद्र सरकार 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से पहले सभी कंपनियों को इसका परीक्षण करने की अनुमति देगी। प्रसाद ने सोमवार को एक बयान में कहा कि केंद्र ने भारत में 5 जी स्पेक्ट्रम के लिए परीक्षण करने का फैसला लिया है। 5G भविष्य है। हम नए नवाचारों को प्रोत्साहित करेंगे। सभी ऑपरेटर 5G परीक्षणों में भाग ले सकते हैं।
5G spectrum to be given for trials, all operators can participate: Ravi Shankar Prasad
— ANI Digital (@ani_digital) December 30, 2019
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प्रसाद ने कहा कि 5जी भविष्य है और इस क्षेत्र में हम इनोवेशन को पूरी तरह से बढ़ावा देंगे। 5जी का परीक्षण करने का मौका सभी कंपनियों के अलावा वेंडर्स जैसे कि हुवाई को भी मिलेगा। यह नया 5जी चंक बैंड जो कि 24.75 से 27.75 गीजहर्ट्ज का है, वो 5.22 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम नीलामी से काफी अलग है। इसकी मंजूरी डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने 20 दिसंबर को दी थी, जिसके तहत 8300 मेगाहर्ट्ज का बैंड सभी 22 सर्किलों में बिक्री के लिए अगले साल मार्च-अप्रैल में रखा जाएगा।
सरकार जल्द ही 24.75-27.25 गीगाहर्ट्ज के ‘मिलीमीटर वेव बैंड’ की नीलामी को लेकर ट्राई से सुझाव मांगेगी। यह 5जी के लिए अत्यधिक मांग वाला बैंड है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग इन अतिरिक्त 5जी बैंड के लिए जनवरी में नियामक से संपर्क करेगा। हालांकि, विभाग इस स्पेक्ट्रम की बिक्री साल की शुरुआत में करना चाहता है। लेकिन ट्राई के सुझावों में विशेष समय-सीमा का उल्लेख होगा।
COAI ने की थी सिफारिश
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने सरकार से 26 गीगाहर्ट्ज बैंड के लिए ट्राई से सुझाव मांगने को कहा था। COAI के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने हाल ही में कहा था कि हमने दूरसंचार विभाग से सिफारिश की थी कि वह इस नीलामी में 26 गीगाहर्ट्ज बैंड को शामिल करने के लिए ट्राई से सुझाव ले। भारत में 5जी शुरू करने के सपने को साकार करने में इसका महत्वपूर्ण असर होगा।
सरकार के पास नीलामी के पर्याप्त स्पेक्ट्रम
देश में 5जी सेवाओं को शुरू करने के लिए सरकार के पास नीलामी के पर्याप्त स्पेक्ट्रम है। इसलिए कंपनियों को इसे लेने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं सरकार ने इस सेवा को शुरू करने के लिए 2020 का लक्ष्य तय किया है।
5जी में 10 गीगाबिट प्रति सेकंड की रफ्तार से ट्रांसफर होता है डाटा
5जी में डाटा को 10 गीगाबिट प्रति सेकंड की रफ्तार से ट्रांसफर करने की आवश्यकता होती है, जबकि कुछ मामलों में यह रफ्तार 20 गीगाबिट प्रति सेकंड भी है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि निचली डाटा स्पीड के मामले में लगभग 320 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की आवश्यकता है, जबकि उच्च डाटा स्पीड के मामले में 670 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की आवश्यकता होगी।
भारत में 5जी कनेक्शन 2022 से उपलब्ध होने की संभावना
एरिक्सन ने अपने वैश्विक अध्ययन रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 5जी कनेक्शन 2022 से उपलब्ध होने की संभावना है। ट्राई के आकलन के आधार पर 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3400 मेगाहर्ट्ज, 3400-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड अभी तक अनबिके स्पेक्ट्रम का मूल्य 1 अगस्त 2018 के मुताबिक 4.9 लाख करोड़ रुपये है।