देश के 60 प्रतिशत लोगों का मानना, भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया

60 percent of the country believe, India did not give a befitting reply to China.
देश के 60 प्रतिशत लोगों का मानना, भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया
देश के 60 प्रतिशत लोगों का मानना, भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया

नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। अधिकांश भारतीयों को नहीं लगता कि सरकार ने हाल ही में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। यह बात आईएएनएस सी-वोटर स्नैप पोल में सामने आई है।

यह सर्वेक्षण 10 हजार लोगों से की गई बातचीत पर आधारित है। सर्वे में लोगों से प्रश्न पूछा गया, क्या आपको लगता है कि भारत सरकार ने चीन को जवाब देने के लिए उपयुक्त कदम उठाए हैं?

इस पर 60.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा, नहीं, चीन को अभी भी मुंहतोड़ (माकूल) जवाब नहीं मिला है।

शेष 39.8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत सरकार ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

उत्तरदाताओं में विभिन्न उम्र, धर्म, शिक्षा और विभिन्न सामाजिक स्तर के लोग शामिल रहे, जिनका मानना है कि चीन को भारत से यथोचित जवाब नहीं मिला है।

विभिन्न वर्गों में से केवल दो वर्गों में अपवाद देखने को मिला। सर्वे में 60 वर्ष से ऊपर के लोग और ईसाई सोचते हैं कि चीन को भारत की ओर से करारा जवाब दिया गया है। कुल 68.1 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों और 79.2 प्रतिशत ईसाई उत्तरदाताओं ने जोर दिया कि मोदी सरकार ने वास्तव में चीन को करारा जवाब दिया है।

सर्वे में देखा गया कि महिलाओं की अपेक्षा अधिक पुरुष चाहते हैं कि चीन को माकूल जवाब दिया जाना चाहिए। अगर विभिन्न आय वर्ग की बात करें तो मध्यम वर्ग ड्रैगन को माकूल जवाब दिए जाने को लेकर सबसे अधिक मुखर है।

इसके अलावा निम्न और उच्च आय वर्ग में से क्रमश: 57.5 प्रतिशत और 51.1 प्रतिशत लोगों को लगता है कि चीन को बेहतर जवाब दिए जाने की आवश्यकता है। अगर इस मामले में मध्य आय समूह की बात आती है, तो यह संख्या 68.1 प्रतिशत हो जाती है।

सर्वे में सामने आया कि जो लोग जितना अधिक शिक्षित हैं, उतनी ही दृढ़ता से वे कार्रवाई की मांग करते दिख रहे हैं। हालांकि सभी इस बात पर एकमत हैं कि चीन को आक्रामकता के बाद वह जवाब नहीं मिला, जिसका वह हकदार है।

सर्वे में यह बात सामने आई कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के मतदाता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मतदाताओं की तुलना में चीन को भारत की ओर से माकूल जवाब नहीं दिए जाने को लेकर अधिक नाराज हैं।

इस बीच सभी सामाजिक समूहों से लेकर विभिन्न धार्मिक वर्गों से जुड़े सभी लोग चीन को सबक सिखाने के लिए कह रहे हैं। एकमात्र ईसाई समुदाय के लोग हैं, जो सोचते हैं कि चीन को भारत की ओर से माकूल जवाब मिल गया है। चीन को करारा जवाब नहीं दिए जाने पर सिख सबसे अधिक नाराज दिखे।

पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान 15 जून की रात एक अधिकारी सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

Created On :   23 Jun 2020 9:00 PM IST

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