अक्षरधाम आतंकी हमले का साजिशकर्ता गिरफ्तार, 16 साल से था फरार
- फारुक पिछले 16 साल से फरार था।
- अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है।
- क्राइम ब्रांच ने हमले के आरोपी मो. फारुक शेख को अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया।
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर 16 साल पहले हुए आतंकी हमले के मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। क्राइम ब्रांच ने हमले के आरोपी मो. फारूक शेख को अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। फारूक पिछले 16 साल से फरार था। बता दें कि 24 सितंबर 2002 में अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे।
इस हमले का आरोपी फारूक दुबई में रह रहा था। वह सोमवार को अपने रिश्तेदारों से मिलने अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचा था। यह जानकारी मिलते ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाया और उसे धर दबोचा। इस हमले का एक और आरोपी अब्दुल राशिद पिछले साल ही गिरफ्तार किया गया था। राशिद को भी अहमदाबाद हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। राशिद मंदिर पर हमले की योजना बनाने वालों में से एक था। हमले के बाद वह रियाद भाग गया था। पिछले साल वह अपने भाई से मिलने रियाद से अहमदाबाद पहुंचा था और इसी दौरान क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
अक्षरधाम मंदिर में हमले के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया गया था। वहीं हमलावरों को NSG कमांडो ने मौके पर ही मार गिराया था। वहीं इस हमले के आरोप में पुलिस ने चार लोगों (अब्दुल कय्यूम, आदम अजमेरी, हनीफ शेख और चांद खान) को भी गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों की पेशी पोटा अदालत में की गई थी। पोटा अदालत ने इसमें से तीन आरोपियों को मौत की सजा, जबकि एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के इस फैसले पर मुहर लगाई थी। यह मामला 2014 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीमकोर्ट ने अपने फैसले में सभी आरोपियों को निर्दोष बता बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमले के आरोपी इन लोगों पर पोटा कानून लगाने में उचित प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं हुआ था। SC ने पुलिस और जांच करने वाली एजेंसी को लापरवाही बरतने और सबूत नहीं जुटा पाने के लिए भी फटकार लगाई थी।
बता दें कि 24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों ने गुजरात के गांधी नगर में अक्षरधाम मंदिर पर हमला किया था। इन आतंकियों ने मंदिर में हथियार और ग्रेनेड से लोगों की जान ली थी। रात में NSG कमांडों ने ऑपरेशन में दोनों आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में 32 लोग मारे गए थे। वहीं 80 से ज्यादा लोगों घायल हुए थे।
Created On :   26 Nov 2018 7:00 PM IST