लोकपाल के नवनियुक्त आठ सदस्यों ने ली शपथ

लोकपाल के नवनियुक्त आठ सदस्यों ने ली शपथ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च संस्था लोकपाल के आठ सदस्य बुधवार को शपथ ली। लोकपाल अध्यक्ष जस्टिस पिनाकी चंद्र बोस सभी सदस्यों को शपथ दिलायी। पिनाकी चंद्र बोस को शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई थी। लोकपाल में अध्यक्ष के अलावा चार न्यायिक और चार गैर-न्यायिक सदस्य हैं। आठ सदस्यों में चार न्यायिक सदस्य हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी.भोसले, जस्टिस प्रदीप कुमार मोहन्ती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी हैं। वहीं गैर-न्यायिक सदस्य महाराष्ट्र के मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, सशस्त्र सीमा बल की पूर्व महानिदेशक अर्चना रामसुन्दरम, महेंद्र सिंह और डॉक्टर इंद्रजीत प्रसाद गौतम हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय चयन समिति ने लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियों की सिफारिश की थी। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्तियों को मंजूरी दी थी। पिनाकी चंद्र बोस के लोकपाल अध्यक्ष से पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य थे। कुछ श्रेणियों के लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को देखने  के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति करने वाला लोकपाल कानून 2013 में पारित हुआ था।

लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति करने वाला लोकपाल कानून 2013 में पारित हुआ था। नियमों के अनुसार लोकपाल समिति में एक अध्यक्ष और आठ सदस्यों का प्रावधान है। नियमों के अनुसार, लोकपाल के सदस्यों में 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाएं होनी चाहिए। अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 5 साल या 70 वर्ष की उम्र तक पद पर बने रह सकते हैं। लोकपाल अध्यक्ष का वेतन और भत्ते भारत के प्रधान न्यायाधीश के बराबर होगा। सदस्यों को उच्चम न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर वेतन और भत्ते मिलेंगे। 
 

Created On :   27 March 2019 3:12 AM GMT

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