भारत में बढ़े टाइगर, जानिए कैसे और कितने लोगों ने की बाघों की गणना

All India Tiger estimation 2018: Know who involved in conservation of Tiger estimation process
भारत में बढ़े टाइगर, जानिए कैसे और कितने लोगों ने की बाघों की गणना
भारत में बढ़े टाइगर, जानिए कैसे और कितने लोगों ने की बाघों की गणना
हाईलाइट
  • अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर बाघों की संख्या पर रिपोर्ट जारी की गई
  • बाघों की जनगणना के लिए देश में करीब 3.81 लाख वर्ग किमी जंगलों में सर्वे किया गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में बाघों की आबादी पिछले 12 साल में बढ़कर दोगुनी हो गई है। देश में बाघों की संख्या 2967 पर पहुंच गई है। मध्यप्रदेश ने भी 526 बाघों के फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल कर लिया है। मध्य प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व भी देश में सबसे बेहतर पाए गए हैं। 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे पर जारी की गई बाघों की जनगणना-2018 रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं, लेकिन इन आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए कब से काम किया जा रहा है, कितने लोगों ने इसमें मेहनत की ये शायद आपको नहीं पता होगा। आइए जानते हैं, इस बार बाघों की गणना कैसे और कितने लोगों ने मिलकर की। जानते हैं जनगणना की प्रक्रिया में शामिल लोगों की संख्या और इस्तेमाल किए गए तकनीकों के बारे में...    

  • इस बार बाघों की आबादी की गणना के लिए देश के करीब 3 लाख 81 हजार 400 (3.81 लाख) वर्ग किलोमीटर जंगलों में सर्वे किया गया। 
  • देश भर में 141 स्थानों पर 26 हजार 838 कैमरों का इस्तेमाल किया गया। इन कैमरों की वजह से 1 लाख 21 हजार 337 (1.21 लाख) वर्ग किलोमीटर का इलाका कवर किया गया। 
  • जंगलों में इस्तेमाल किए गए इन कैमरों से 3 करोड़ 48 लाख 58 हजार 623 (3.48 करोड़) फोटोग्राफ मिले। इनका विश्लेषण किया गया। 
  • इन तस्वीरों में से 76 हजार 651 फोटो बाघों के थे, जबकि 51 हजार 777 तस्वीरें लेपर्ड के हैं।
  • वन विभाग के कर्मचारी 5 लाख 22 हजार 996 (5.33 लाख) किलोमीटर पैदल चले।
  • 40 हजार की संख्या वाले स्टाफ बाघों की जनगणना में जुटा रहा।
  • बाघों की जनगणना की इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए। यह दुनिया का सबसे बड़ा वाइल्ड लाइफ सर्वे है।

 

 

 

 

 

 

Created On :   29 July 2019 9:10 AM GMT

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