Chhattisgarh Naxalism: छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा माओवादी सरेंडर, 208 नक्सलियों ने छोड़े हथियार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा माओवाद सरेंडर हुआ है। शुक्रवार को 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है उनमें टॉप नेता भी शामिल हैं।
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डीजीपी अरुण देव गौतम ने क्या कहा?
208 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने कहा कि नक्सली संगठनों ने बस्तर के लिए जिस तरह की अपील की है, और हम लगातार कर रहे हैं, उससे युवाओं को गुमराह किया जा रहा था कि वे बस्तर के लोगों के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें एहसास हो गया है कि वे लोगों के लिए नहीं लड़ रहे थे; वे उन्हें नुकसान पहुंचा रहे थे। इतने सालों में बस्तर का विकास नहीं हुआ। अब, अगर वे सब मिलकर योगदान दें, तो बस्तर तरक्की करेगा। बात सिर्फ रणनीति की नहीं है, अब बुनियाद ही खत्म हो गई है।
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आपको बदा दें कि, केंद्रीय गृह मंत्री ने गुरुवार को नक्सलवाद के खिलाफ लंबा पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था कि गृह मंत्री ने कहा कि यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर, जो कभी आतंकवादियों के गढ़ थे, आज नक्सली आतंक से मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। अब दक्षिणी बस्तर में नक्सलवाद का नामोनिशान बचा है, जिसे हमारे सुरक्षा बल जल्द ही मिटा देंगे। जनवरी 2024 से, छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद, 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का सफाया किया गया है। ये आंकड़े 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।
Created On :   17 Oct 2025 1:41 PM IST












