CBIvsCBI : कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को पटियाला हाउस कोर्ट से मिली जमानत
- मनोज को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
- मनोज पर आरोप है कि उसने CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के लिए बिजनेसमैन से 5 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।
- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को CBI घूसकांड में घिरे कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को जमानत दे दी है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को CBI घूसकांड में घिरे कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को जमानत दे दी। मनोज को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। मनोज पर आरोप है कि उसने CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के लिए बिजनेसमैन सतीश बाबू सना से 5 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इससे पहले 31 अक्टूबर को CBI के DSP देवेंद्र कुमार को इस मामले में 50 हजार के मुचलते पर जमानत दी थी। बता दें कि सतीश सना कि लिखित शिकायत के बाद 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना, मनोज प्रसाद, देवेन्द्र कुमार और सोमेश प्रसाद के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
डिफेंस काउंसिल विकास पाहवा ने कहा, CBI 60 दिनों के निर्धारित समय में मनोज प्रसाद के खिलाफ चार्जशीट दर्ज नहीं कर सकी। मनोज के जमानत देने वाले स्पेशल CBI जज संतोष स्नेही मान ने कहा कि उन्हें आगे हिरासत में रखने का कोई मकसद नहीं है। इससे पहले 13 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने मनोज को जमानत देने से मना कर दिया था।
बता दें कि राकेश अस्थाना CBI में दूसरे नंबर की हैसियत वाले अफसर थे। हालांकि अभी भी वह पद पर तो काबिज है लेकिन इस पद के साथ मिलने वाली पावर उनसे छीन ली गई है। एजेंसी की ओर से 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई FIR में कहा गया था कि एक केस को रफा-दफा करने के लिए अस्थाना ने अन्य लोगों की मदद से 5 करोड़ रुपए की रिश्वत ली है।
हैदराबाद के बिजनेसमैन सतीश सना की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। CBI को दिए बयान में सतीश सना ने कहा था कि उसने राकेश अस्थाना को 5 करोड़ रुपये की रिश्वत दी था। यह पैसा 10 महीने की अवधि में दिया गया था जिसकी शुरुआत दिसंबर 2017 से हुई थी ताकि CBI मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में उसका नाम न दर्ज करे। इन आरोपों के बाद राकेश अस्थाना ने दावा किया था कि सतीश सना कि यह शिकायत CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कुछ अधिकारियों की साजिश है।
Created On :   18 Dec 2018 5:30 PM IST