तेलंगाना केस के बाद पुलिस का कदम, किसी भी थाने में शिकायतकर्ता की FIR दर्ज करने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के पुलिस महानिदेशकों ने अपने-अपने राज्यों के सभी पुलिस थानों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति शिकायत दर्ज करने आए, तो क्षेत्राधिकार के बावजूद एफआईआर दर्ज की जाए। हैदराबाद में एक वैटिनरी डॉक्टर के भयानक गैंगरेप और हत्या की घटना के सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।
2 दिसंबर की शाम को जारी एक परिपत्र में, आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने कहा, "यह देखा गया है कि जब जनता शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस थानों से संपर्क करती है, तो अक्सर उन्हें कहा जाता है कि वे अन्य पुलिस स्टेशन में जाए क्योंकि वो इलाका उनके अधिकार में नहीं आता है। सवांग ने कहा, "ये सही नहीं है।" बता दें कि कोई भी शिकायतकर्ता किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकता है।
परिपत्र में यह भी कहा गया है कि एफआईआर दर्ज करने के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 166-ए के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है।
तेलंगाना के डीजीपी एम महेंदर रेड्डी ने भी इसी तरह का एक सर्कुलर जारी कर सभी पुलिस स्टेशनों को निर्देश दिया कि वे किसी भी शिकायतकर्ता को अधिकार क्षेत्र के आधार पर दूर न करें। डीजीपी ने कहा, "हमने सभी पुलिस थानों को कड़ी चेतावनी दी है कि किसी भी शिकायतकर्ता को थाने से वापस न भेजे। एसएचओ को एफाआईआर दर्ज करना होगा और इस शिकायत को संबंधित थाने में फॉर्वर्ड करना होगा।
बता दें कि तेलंगाना में एक वैटिनरी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला सामने आया था। आरोपियों ने शराब के नशे में इस पूरी वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया था। आरोपियों ने प्लान के तहत पिड़िता की स्कूटर का टायर पंचर किया था। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं पड़िता की मां ने आरोपियों को बीच सड़क पर जिंदा जलाने की मांग की है। परिवार के सदस्यों का मानना है कि साइबराबाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की होती तो घटना को टाला जा सकता था।
Created On :   3 Dec 2019 9:47 PM IST