अदालत के आदेश पर राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और नायडू के बेटे एन लोकेश ने कहा है कि उनके पिता और टीडीपी के अन्य नेता अदालत में हाजिर होंगे। टीडीपी प्रवक्ता लंका दिनाकर ने इसे अमित शाह और और पीएम नरेंद्र मोदी की साजिश करार दिया है।
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ महाराष्ट्र में गिरफ्तारी वारंट जारी
हाईलाइट
- वारंट में नायडू के अलावा 14 और लोगों का नाम
- 21 सितंबर तक अदालत में हाजिर होने का आदेश
- नांदेड़ जिले के धर्माबाद में मजिस्ट्रेट एनआर गजभिये ने की सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की एक अदालत ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और 14 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इतना ही नहीं अदालत ने सभी आरोपियों को 21 सितंबर तक हाजिर होने का निर्देश भी दिया है। मामला नांदेड़ जिले के धर्माबाद में चल रहा था, जिसकी सुनवाई मजिस्ट्रेट एनआर गजभिये कर रहे थे।
Arrest warrant has been issued by Maharashtra's Dharmabad Court against Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu, AP irrigation minister and 14 others in connection with an agitation held by TDP in 2010 against the Maharashtra govt opposing the construction of Babhali project.
— ANI (@ANI) September 14, 2018
बता दें कि ये मामला महाराष्ट्र में बाबली परियोजना के जनदीक 2010 में विरोध प्रदर्शन करने का है। उस समय नायडू अविभाजित आंध्र प्रदेश में विपक्ष का नेतृत्व कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार कर पुणे जेल में डाल दिया गया था। नायडू इस बात का विरोध कर रहे थे कि महाराष्ट्र सरकार की इस परिजोजना से निचले हिस्सों में रहने वाले हजारों लोग प्रभावित होंगे। इस केस में उन्होंने जमानत नहीं करवाई थी, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
इन धाराओं के तहत दर्ज किया मामला
चंद्रबाबू नायडू के साथ प्रदर्शन कर रहे 14 लोगों के खिलाफ पुलिस ने 2010 में हथियार या अन्य तरीकों से नुकसान पहुंचाने, बल प्रयोग कर अपराध करने, जनसेवक के काम में बाधा पहुंचाने जैसी कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। नायडू के अलावा जिनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है, उनमें राज्य जल संसाधन मंत्री देवीनेनी उमामहेश्वर राव, समाज कल्याण मंत्री एन आनंद बाबू, पूर्व विधायक कमलाकर भी शामिल हैं। कमलाकर ने हाल ही में तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी ज्वाइन कर ली है।

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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।