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अनुच्छेद 370: SC ने केंद्र को दिया 4 हफ्ते का समय, 14 नवंबर को अगली सुनवाई
हाईलाइट
- अनुच्छेद 370 की याचिकाओं पर आज से शुरू होगी सुनवाई
- सुनवाई के लिए 28 सितंबर को किया गया था नई बैंच का गठन
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संविधान पीठ ने आज (मंगलवार) को अनुच्छेद 370 के प्रावधान को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को सभी याचिकाओं का जवाब देने के लिए 28 दिन का समय दिया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मसले से जुड़ी कोई नई याचिका दाखिल नहीं की जाएगी।
Supreme Court granted Centre four weeks time to file its reply on the various petitions challenging abrogation of Article 370 in Jammu and Kashmir and fixed the matter for further hearing on November 14.
— ANI (@ANI) October 1, 2019
अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को निष्क्रिय करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 4 हफ्ते का समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते के समय को मंजूरी दी। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश बन जाएगा और लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन के आरोपों से जुड़े इस मामले को जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ को भेज दिया था। उन्होंने बताया था कि उनकी अध्यक्षता वाली बेंच अयोध्या मामले की सुनवाई में व्यस्त हैं, जिस कारण समय का अभाव है।
सुनवाई के लिए कोर्ट द्वारा 28 सितंबर (शनिवार) को इस 5 सदस्यों वाली संविधान पीठ का गठन किया गया था। सुनवाई की पिछली तारीख पर जस्टिस गोगोई ने उम्मीद जगाई थी कि जम्मू कश्मीर में नाबालिगों को कथित तौर पर हिरासत में रखने के मामले पर गौर किया जाएगा। इन याचिकाओं में बाल अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले गुलाम नबी आजाद, मोहम्मद तारिगामी, अनुराधा भसीन और सीताराम येचुरी सहित कई लोगों की याचिकाएं शामिल हैं।
बता दें कि जस्टिस रमण की अध्यक्षता वाली इस बैंच में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। जिनके सामने कश्मीर में संचार सुविधाओं पर रोक, घाटी में बच्चों को नजरबंद रखने, प्रेस की आजादी से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
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