आपातकाल के दिनों को याद कर अरुण जेटली ने हिटलर से की इंदिरा गांधी की तुलना
- अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से की है।
- इंदिरा गांधी ने आपातकाल का इस्तेमाल लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए किया।
- उन्होंने ये भी कहा कि हिटलर के विपरीत श्रीमती गांधी ने भारत को वंशवादी लोकतंत्र में बदल दिया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपातकाल की 43वीं बरसी पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से की है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट करते हुए कहा है कि हिटलर और इंदिरा गांधी ने संविधान को निरस्त नहीं किया बल्कि इसका इस्तेमाल लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए किया। उन्होंने ये भी कहा कि हिटलर के विपरीत श्रीमती गांधी ने भारत को वंशवादी लोकतंत्र में बदल दिया।
"दी इमरजेंसी रीविजिटेड" शीर्षक से तीन भागों वाली श्रृंखला का पहला हिस्सा अरुण जेटली ने रविवार को फेसबुक पर लिखा था। श्रृंखला के दूसरे भाग में, जेटली ने लिखा कि 1975 में जब आपातकाल लगाया गया था, उस वक्त वे छात्र नेता थे। जेटली ने लिखा, "इंदिरा गांधी ने धारा 352 के तहत आपातकाल लगाया और धारा 359 के तहत लोगों से उनके मूलभूत अधिकार भी छीन लिए। 25 जून 1975 को जो कुछ भी हुआ, वह 1933 में हुए नाज़ी जर्मनी से प्रेरित था।"
जेटली ने आगे लिखा कि ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो हिटलर ने नहीं की पर इंदिरा गांधी ने की। उन्होंने संसदीय कार्यवाही कर मीडिया के प्रकाशन पर भी रोक लगा दी। भाजपा नेता ने इंदिरा गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 42वें संशोधन के जरिए उच्च न्यायालयों के रिट पेटीशन जारी करने के अधिकार को भी कमजोर कर दिया। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इस शक्ति को संविधान की आत्मा करार दिया था। उन्होंने कहा, "इसके अलावा इंदिरा ने अनुच्छेद 368 में भी बदलाव किया था, ताकि संविधान में किए गए बदलाव की न्यायिक समीक्षा न की जा सके।
अरुण जेटली की इस पोस्ट को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शेयर किया है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि कृपया अरुण जेटली का ब्लॉग पढ़े ताकि आपको पता चल सके कि कैसे आपातकाल ने हमारे संविधान के आदर्शो को हानि पहुंचाई है।
Created On :   25 Jun 2018 9:27 PM IST