सुपुर्दे खाक हुए शहीद औरंगजेब, आखिरी दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
- शहीद जवान औरंगजेब का पार्थिव शरीर सुपुर्द -ए -खाक
- सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। भारतीय सेना से रिटायर हो चुके शहीद औरंगजेब के पिता ने मोदी सरकार से अपने बेटे की शहादत का बदला लेने के लिए कहा है। उन्होंने मोदी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए 72 घंटे का वक्त दिया है। शहीद के पिता ने सरकार से कहा कि अगर 72 घंटे के अंदर उनके बेटे के कातिलों को नहीं मारा गया तो वो खुद बदला लेंगे। औरंगजेब के पिता ने कहा कि वो दहशतगर्दों से लोहा लेने के लिए तैयार हैं। इधर, शहीद औरंगजेब के शव को उनके गांव लाया गया, जहां उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।
#WATCH Mohd Hanif, father of Rifleman Aurangzeb who was abductedkilled by terrorists in Pulwama, on June 14, says,"My son has abided by his pledge, he kept his promise. He sacrificed himself for the nation came back to me. I request centralstate govts to eliminate militancy." pic.twitter.com/fR02uDrA81
— ANI (@ANI) June 16, 2018
#WATCH: Huge crowd gathers as mortal remains of Rifleman Aurangzeb are brought to his native village in Poonch. He was abducted by terrorists and his body was found in Pulwama"s Gusoo, on 14 June. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/wMh0ZeSOCf
— ANI (@ANI) June 16, 2018
बता दें कि औरंगजेब के पिता हनीफ भारतीय सेना में रहे चुके हैं। बेटे औरंगजेब के शहीद होने के बाद भी पिता का जज्बा और देश के प्रति समर्पण का भाव कम नहीं हुआ। शहीद के पिता का कहना है कि मेरा बेटा ईद की छुट्टी पर घर आने वाला था लेकिन उससे पहले ही आतंकियों ने उसकी हत्या कर दी। राष्ट्रीय रायफल के जवान औरंगजेब उस टीम का हिस्सा थे जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मारा था। यहां आपको यह भी बता दें कि औरंगजेब के चाचा को भी 2004 में आतंकवादियों ने मार डाला था। औरंगजेब के कुल 6 भाई हैं। जिनमें एक भाई सेना में, जबकि बाकी चार पढ़ रहे हैं।
सरकार ले भाई की शहादत का बदला- औरंगजेब के भाई
वहीं, शहीद औरंगजेब के भाई मोहम्मद क़ासिम का कहना है कि उनका भाई पूरे गांव का भाई और बच्चा था। उनके मुताबिक, अब समय आ गया है कि सरकार को उनके भाई की शहादत का बदला लेना चाहिए. अब एक के बदले सौ आंतकी मार गिराने का समय आ गया है।
ऐसे हुई थी हत्या
44 राष्ट्रीय रायफल के जवान औरंगजेब ईद मनाने के लिए घर जा रहे थे। सुबह करीब नौ बजे यूनिट के सैनिकों ने एक कार को रोककर चालक से औरंगजेब को शोपियां तक छोड़ने को कहा। वो बेफिक्र होकर उस कार में सवार होकर घर के लिए निकल पड़े। हालांकि उनको यह पता नहीं था कि वो इस बार ईद मनाने घर नहीं पहुंच पाएंगे। वो जिस कार में सवार होकर घर जा रहे थे, आतंकवादियों ने उनको कालम्पोरा में रोक लिया और उनका अपहरण कर लिया था।
दस किलोमीटर दूर मिला था शव
जम्मू पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला था। उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान थे।
आज पैतृक गांव पहुंचा पार्थिव शरीर
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब के पार्थिव शरीर को आज सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सबसे पहले उनके पार्थिव शरीर को श्रीनगर की बादामी बाग छावनी स्थित 92 बेंस हॉस्पिटल में रखा गया । उसके बाद शहीद जवान के पार्थिव शरीर को विमान के जरिए श्रीनगर से पुलवामा और फिर उनके गांव लाया गया।
Jammu Kashmir: Mortal remains of Rifleman Aurangzeb brought to his native village in Poonch. He was abducted by terrorists and his body was found in Pulwama"s Gusoo, on 14 June. pic.twitter.com/wplrkxDFRF
— ANI (@ANI) June 16, 2018
#ArmyCdrNC and all ranks salute the supreme sacrifice of Rifleman Aurangzeb offer deepest condolences to the family @adgpi @PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/KZ1jd6PZDU
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) June 15, 2018
Created On :   16 Jun 2018 11:38 AM IST