- किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर नाकाबंदी, नहीं चढ़ सकेंगे ट्रैक्टर
- पटियाला में किसानों ने रोकी फिल्म की शूटिंग, जाह्नवी कपूर टीम समेत होटल लौटीं
- लालू प्रसाद यादव को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया
- दिल्ली में सोमवार से गुरुवार तक घने कोहरे की संभावना: मौसम विभाग
- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 27 और 28 जनवरी को करेंगे केरल का दौरा
अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्ष ने कहा विध्वंस से पहले जैसी बाबरी मस्जिद चाहिए

हाईलाइट
- मुस्लिम पक्ष समेत कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ दाखिल की
- हिन्दू महासभा ने कहा- मंदिर की व्यवस्था के लिए सुप्रीम कोर्ट एक ट्रस्ट बनाए
- निर्मोही अखाड़े मांगा रामलला की सेवा और पूजा का अधिकार
डिजिटल डेस्क, अयोध्या। अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि के मामले में सभी पक्षों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला अपने पास सुरक्षित रखा है। वहीं इस मामले में हिन्दू महासभा, मुस्लिम पक्ष समेत कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ दाखिल की है। कोर्ट ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के लिए सभी पक्षकारों से 3 दिन के भीतर अपनी मांग लिखित रूप से जमा करने को कहा था। शनिवार अंतिम दिन है।
सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ दाखिल की है। इसमें मुस्लिम पक्ष ने कहा कि उन्हें बाबरी मस्जिद उसी हालत में चाहिए, जैसी विध्वंस से पहले की स्थिति में थी। दरअसल, मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बहस के दौरान कहा था कि उन्हें विध्वंस से पहले की वाली बाबरी मस्जिद चाहिए। यानी विवादित जगह पर बाबरी मस्जिद ही चाहिए, वो भी वैसी, जैसी 1992 में 6 दिसंबर की सुबह तक थी।
वहीं इस मामले में हिन्दू महासभा के मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ में कहा गया कि अयोध्या में जन्मस्थान पर राम मंदिर के निर्माण पर पूरे मंदिर की व्यवस्था के लिए सुप्रीम कोर्ट एक ट्रस्ट बनाए। इसके साथ ही इसका पूरा उपक्रम सुप्रीम कोर्ट के जरिए नियुक्त एडमिनिस्ट्रेशन के जरिए हो। वहीं राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने भी सुप्रीम कोर्ट में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ दाखिल कर कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर ही बने और मंदिर के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाए।
निर्मोही अखाड़े मांगा रामलला की सेवा और पूजा का अधिकार
निर्मोही अखाड़े ने अपने मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ में मंदिर बनाने के साथ ही रामलला की सेवा, पूजा और व्यवस्था की जिम्मेदारी के अधिकार की मांग की है। निर्मोही अखाड़े ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखने की बात भी कही। वहीं रामलला विराजमान ने लिखित जवाब दाखिल कर कहा कि सारा क्षेत्र राम मंदिर के लिए उसे दिया जाए और निर्मोही अखाड़ा या मुस्लिम पार्टियों को जमीन का कोई हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। इसके अलावा गोपाल सिंह विशारद ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया। उन्होंने राम जन्मभूमि पर पूजा करने को उनका संवैधानिक अधिकार बताया है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।