तीन तलाक बिल पर बोले आजम - मुसलमान सिर्फ कुरान को मानते हैं
- आजम खान ने सीधे तौर पर कहा कि तीन तलाक को गैर-कानूनी करार देने वाले कानून से मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है।
- मुसलमानों के लिए पूरी दुनिया में सिर्फ कुरान का कानून ही मान्य है। मुसलमान इसके अलावा कोई दूसरा कानून नहीं मानता।
- समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बयान ने एक बार फिर राजनीति को गरमा दिया है।
डिजिटल डेस्क, रामपुर। संसद में तीन तलाक बिल को लेकर चल रही बहस के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बयान ने एक बार फिर राजनीति को गरमा दिया है। आजम खान ने सीधे तौर पर कहा कि तीन तलाक को गैर-कानूनी करार देने वाले कानून से मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है। जो लोग मुसलमान हैं, जो कुरान व हदीस को मानते हैं, वह जानते हैं कि तलाक का पूरा प्रोसीजर कुरान में दिया हुआ है। सिर्फ कुरान का कानून ही मुसलमानों के लिए मान्य है।
आजम खान ने कहा, "मुसलमानों के लिए पूरी दुनिया में सिर्फ कुरान का कानून ही मान्य है। मुसलमान इसके अलावा कोई दूसरा कानून नहीं मानता।" उन्होंने कहा "ये हमारा मजहबी मामला है। मुसलमानों के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड है। यह हमारा व्यक्तिगत मामला है कि मुसलमान कैसे शादी करेगा? कैसे तलाक लेगा?" आजम ने कहा, पहले लोग उन औरतों को न्याय दें, जिन्हें शोहरों ने स्वीकार नहीं किया। जो सड़कों पर फिर रही हैं। उन महिलाओं को न्याय दे जो गुजरात और अन्य जगह के दंगों की पीड़ित हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की कोशिश है कि तीन तलाक बिल (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018) को इसी सत्र में पास करवाकर कानूनी रूप दे दिया जाए। हालांकि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बिल पर चर्चा के दौरान इसे ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है, जबकि सरकार इसे तत्काल पारित कराने के पक्ष में है। अगर सरकार दोनों सदनों में इस बिल को पास करवाने में सफल हो जाती है तो यह बिल पहले से जारी अध्यादेश की जगह ले लेगा। पिछले सप्ताह सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की इस बात पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी।
Created On :   27 Dec 2018 6:25 PM IST