Ban on Jamaat e Islami More than 60 bank accounts sealed many members arrested

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। भारत सरकार ने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए आतंक को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी के इस संगठन पर बैन लगाया था। जिसके बाद से जमात के खिलाफ (UAPA) अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेन्शन एक्ट के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। 


जमात-ए-इस्लामी के पास 4500 करोड़ की संपत्ति

सरकार ने शुक्रवार को इंस्पेक्टर जनरल और जिला मैजिस्ट्रेटों को जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की इजाजत दी थी। जिसके बाद श्रीनगर में कार्रवाई के दौरान संगठन के करीब 70 बैंक अकाउंट्स को सील किया गया, वहीं 350 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। संगठन घाटी में करीब 400 स्कूल, 350 मस्जिदें चलाता है। जमात के पास 4500 करोड़ की संपत्ति होने की संभावना है। जांच के बाद पता चलेगा कि संपत्ति वैध है या अवैध।


बड़े नेताओं की भी गिरफ्तारी

श्रीनगर के बाद किश्तवाड़ में भी जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी में 52 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। कार्रवाई के दौरान अब्दुल हामिद फयाज, जाहिद अली, मुदस्सिर अहमद और गुलाम कादिर जैसे जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा दक्षिण कश्मीर के त्राल, बडगाम और अनंतनाग से भी कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया। 


सरकार ने पांच साल के लिए लगाया बैन

जमात-ए-इस्लामी पर गुरुवार को बैन लगाया गया था। इस संगठन पर आतंकियों से सांठगांठ का आरोप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाते हुए अधिसूचना जारी की थी। गृह मंत्रालय ने जमात-ए-इस्लामी पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था, जमात-ए-इस्लामी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो आंतरिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था के लिए खतरा है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर के सबसे बड़े आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के गठन के लिए जिम्मेदार है। यह संगठन कई साल से अपने अलगाववाद और पाकिस्तान समर्थन एजेंडे के तहत राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए राज्य में अलगाववादियों और आतंकियों की मदद करता आया है।


पहले भी लगाया जा चुका है बैन

जमात -ए-इस्लामी हिंद के अंग के तौर पर 1945 में बना था और वह अपने मूल संगठन के साथ राजनीतिक विचारधारा में मतभेद को लेकर 1953 में उससे अलग हो गया था गतिविधियों को लेकर इस संगठन पर पहले भी दो बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है। पहली बार 1975 में जम्मू कश्मीर सरकार ने दो साल के लिए और दूसरी बार अप्रैल 1990 में केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए प्रतिबंध लगाया था।
 

Created On :   2 March 2019 6:37 AM GMT

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