बिहार : शिक्षा मंत्री चौधरी की पत्नी की मौत पर गर्माई राजनीति, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने उठाए सवाल

Bihar: former IPS officer raised questions over education of Choudharys wifes death
बिहार : शिक्षा मंत्री चौधरी की पत्नी की मौत पर गर्माई राजनीति, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने उठाए सवाल
बिहार : शिक्षा मंत्री चौधरी की पत्नी की मौत पर गर्माई राजनीति, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने उठाए सवाल
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  • बिहार : शिक्षा मंत्री चौधरी की पत्नी की मौत पर गर्माई राजनीति
  • पूर्व आईपीएस अधिकारी ने उठाए सवाल

पटना, 17 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने मंत्रिमंडल में मेवा लाल चौधरी को शामिल किए जाने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। एक पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर चौधरी की पत्नी की कथित रहस्यमय मौत की विस्तृत जांच की मांग की है।

बिहार कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि उनकी पत्नी नीता की रहस्यमयी मौत चौधरी द्वारा कथित रूप से भर्ती घोटाले के लिंक के साथ एक राजनीतिक साजिश हो सकती है।

दास ने 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।

दास ने एक पत्र में कहा, मुझे नीता चौधरी की रहस्यमय मौत के बारे में जानकारी है। उनकी मौत गहरी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकती है। उनकी मौत भर्ती घोटाले से जुड़ी है।

पूर्व विधायक नीता चौधरी 27 मई, 2019 को अपने घर पर जलने के बाद गंभीर हालत में मिली थीं। इसके बाद दो जून 2019 को उनकी मृत्यु हो गई।

दास ने कहा, बिहार पुलिस ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत पर त्वरित कार्रवाई की। मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार पुलिस इस मामले में भी ऐसा ही करेगी। मैं बिहार पुलिस से उम्मीद कर रहा हूं कि उसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।

आईएएनएस के पास दास द्वारा बिहार के डीजीपी को लिखे गए पत्र की एक प्रति है।

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने बिहार के डीजीपी ए. के. सिंघल को पत्र क्यों लिखा, इस पर दास ने कहा, मैंने बिहार में आईपीएस अधिकारी के रूप में 24 वर्षों तक सेवा की है। एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर यह मेरा कर्तव्य है कि समाज में गलत कार्य को इंगित करूं।

चौधरी को नीतीश कुमार कैबिनेट में शिक्षा मंत्री की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दो उपमुख्यमंत्री और 11 अन्य मंत्रियों के साथ राजभवन में शपथ ली।

मेवा लाल चौधरी 2012 में 161 सहायक प्रोफेसर-सह-जूनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं को लेकर निशाने पर है। जब वह भागलपुर जिले में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे, तब यह कथित घोटाला सामने आया था।

एकेके/आरएचए

Created On :   17 Nov 2020 10:30 PM IST

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