बिहार : वाहन चोर गिरोह चलाता था नकली नोट छापने का कारोबार

Bihar: Vehicle thief gang used to run fake note printing business
बिहार : वाहन चोर गिरोह चलाता था नकली नोट छापने का कारोबार
बिहार : वाहन चोर गिरोह चलाता था नकली नोट छापने का कारोबार

गया, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार के गया जिले में एक वाहन चोर गिरोह के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर नकली नोट छापने वाले एक बड़े गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के लोग वाहन चोरी के साथ नकली नोट छापने का भी धंधा करते थे।

यह गिरोह बिहार और झारखंड तक फैला है। पुलिस अब इसके अन्य तार खंगालने में जुटी है। गौरतलब है कि यह गिरोह सरकारी भवन से नकली नोट छापने का कारोबार संचालित करता था।

पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि नकली नोट बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने शुक्रवार शाम पदार्फाश किया। गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से एक लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं। साथ ही काफी मात्रा में अर्धनिर्मित जाली नोट भी मिले हैं। जाली नोट छापने की मशीन, लैपटॉप, प्रिंटर, इंक भी बरामद की गई है।

गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि कुछ दिनों पहले कोंच थाना में ट्रैक्टर और एक कार चोरी का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की तहकीकात के दौरान पुलिस को शुक्रवार को गुप्त सूचना मिली कि एक वाहन चोर गिरोह वाहनों की चोरी की योजना बना रहा है।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शास्त्रीनगर क्षेत्र में छापेमारी कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से कोंच थाना क्षेत्र से चोरी गए ट्रैक्टर और कार भी बरामद कर लिए गए। इसके बाद इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये गिरोह जाली नोट छापने के धंधे में भी जुड़ा है।

पुलिस ने इनकी निशानदेही पर रामपुर थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर मोहल्ले स्थित जेल परिसर के समीप एक सरकारी आवास में छापेमारी कर वहां संचालित नकली नोट बनाने के करखाने का भंडाफोड़ किया।

सूत्रों के मुताबिक, यह मकान लखन दास का है, जो रामपुर थाना क्षेत्र के गेवाल बिगहा के रहने वाले सुरेश रजक ने किराए पर ले रखा है।

एसएसपी मिश्रा ने बताया कि सुरेश यहां से जाली नोट बनाने का कारोबार कर रहा था। छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में सुरेश ने स्वीकार किया है कि जाली नोट बनाने का मास्टरमाइंड सूरज कुमार उर्फ संदीप साव झारखंड के हजारीबाग जिले के चैपारण थाना के नावागडीह गांव का रहने वाला है। नोट बनाने के लिए वही सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराता था।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के और कई सदस्यों के नाम का पता चला है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह करीब एक साल से नकली नोट का करोबार करता था। बरामद नोटों में पुराने 100 और नए 200 के नोट हैं। पुलिस का दावा है कि इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद कई कांडों के खुलासा होने की संभावना है।

इधर, सूत्रों का दावा है कि नकली नोट खपाने का काम मुख्य रूप से अवैध शराब के धंधे में किया जाता था। पुलिस अब इनके अन्य राज्यों और नेपाल तथा बांग्लादेश से भी लिंक खोजने में जुट गई है।

Created On :   28 Sep 2019 11:00 AM GMT

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